Rashtravad : पिछले 4 दिनों से महाराष्ट्र में जो राजनीतिक ड्रामा चल रहा है उसमें आज दोनों ओर से, यानी शिवसेना की ओर से और बागियों की ओर से तेवर कड़े हो गए। आज शिवसेना में कई राउंड की बैठक हुई। आदित्य ठाकरे ने कुछ देर पहले एक अहम बैठक की। इस बैठक में आदित्य ठाकरे के कई करीबी सहयोगी शामिल थे। करीबियों के सामने आदित्य ठाकरे ने बागियों पर जमकर कर हमले किए। आदित्य ने कहा कि पहले भी गद्दार शिवसेना छोड़कर जाते रहे हैं। अभी भी जा रहे हैं। आदित्य ठाकरे ने कहा कि जिन लोगों की खुद की कोई कीमत नहीं है उन लोगों को हम कितनी कीमत दें, कितनी अहमियत दें। ये एक बहुत बड़ा सवाल है। जब हम सभी विधान परिषद चुनाव की मतगणना के लिए पहुंचे थे तभी ऐसी थोड़ी बहुत हलचल देखने के लिए मिल रही थी। कई सारे गद्दार पहले भी निकल चुके हैं। मुझे 2000 साल की बात याद आ रही है कि कैसे पहले लोग गद्दारों की तरह पार्टी से निकलते थे।
इससे पहले आज सबसे पहले महा विकास आघाड़ी की बैठक हुई, बैठक में शरद पवार मौजूद थे, उद्धव ठाकरे इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। बैठक के बाद संजय राउत बाहर निकले, और बड़ा बयान दिया, उन्होंने कहा कि बागी विधायकों को मौका दिया, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। अब लड़ाई सदन और सड़क पर होगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शरद पवार के साथ बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने तुरंत बाद एक और अहम बैठक की। इस बैठक में महाराष्ट्र के सभी जिला प्रमुखों को बुलाया गया था। बड़ी संख्या में लोग भी पहुंचे थे। इस बैठक में उद्धव ठाकरे ने बागियों को अपने असली तेवर दिखाए। बागियों और उनके नेता एकनाथ शिंदे पर चुना-चुन कर हमले किए। उद्धव ने बागियों को चुनौती दी और कहा-
'अगर मैं काबिल नहीं तो पद छोड़़ने को तैयार'
'मेरे बाद पार्टी चलाकर दिखाओ'
'सत्ता आती है जाती है, हम आखिरी तक लड़ेंगे'
'मैंने वर्षा छोड़ा विश्वास नहीं छोड़ा'
'जिस तरह से बगावत हुई वो ठीक नहीं'
'शिंदे को अच्छा मंत्रालय दिया फिर भी धोखा दिया'
'शिंदे के बेटे भी शिवसेना पार्टी से सांसद'
'मैं आखिरी दम तक लड़ूंगा'
इधर उद्धव ठाकरे मुंबई से बागियों को चुनौती दे रहे थे दूसरी ओर बागी विधायक अपनी ताकत दिखा रहे थे। कल शिवसेना के जिन बागियों की संख्या 37 थी, आज वो 38 हो गई। शिवसेना विधायक दिलीप लांडे आज गुवाहाटी पहुंच कर एकनाथ शिंदे के कैंप में शामिल हुए गए। इस बीच ये खबर आई कि एकनाथ शिंदे मुंबई के रवाना हुए हैं। लेकिन थोड़ी देर में साफ हो गया कि बागियों का केंद्र अभी गुवाहाटी ही रहेगा। हर दिन की तरह एकनाथ शिंदे कैंप ने आज फिर बागियों की तस्वीर जारी की। इस तस्वीर में सिर्फ 24 विधायक दिख रहे हैं, सवाल बागियों पर उठा कि बाकी विधायक तस्वीर में क्यों नहीं आए।
इस बीच महाराष्ट्र विधानसभ के अंदर कानूनी लड़ाई भी शुरू हो चुकी थी। शिवसेना विधानसभा के डिप्टी स्पीकर से 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग कर चुकी है। एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें डराने की कोशिश ना करें। शिवसेना की मांग को काउंटर करने के लिए
शिंदे कैंप ने डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखी। चिट्टी में 37 शिवसेना MLA के हस्ताक्षर का दावा। चिट्ठी में लिखा- एकनाथ शिंदे हमारे नेता हैं और शिंदे कैंप असली शिवसेना है।
अब बात एक्शन की, उद्धव ठाकरे की मांग पर विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने अजय चौधरी को नेता विधायक दल और सुनील प्रभु को चीफ व्हीप को घोषित कर दिया। ऐसी स्थिति में अगर 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग डिप्टी स्पीकर मान लेते हैं तो सीन क्या होगा। इसको विस्तार से समझिए।
- शिवसेना के कुल बागी विधायक हैं- 38
- 16 बागी विधायकों पर एक्शन की मांग हो रही है,
- अगर एक्शन होता है तो कितने विधायक बच जाएंगे - 22 विधायक
- अब समझिए कि विधानसभा की मौजूदा ताकत कितनी है- 287
- अगर विधायकों 16 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो
- विधानसभा में कुल 271 विधायक हो जाएंगे
- बहुमत का नया आंकड़ा 136 हो जाएगा
- अब किसके कितने हैं ये समझिए-
- शिवसेना के पास 13 विधायक बचे हैं
- NCP के 53 विधायक
- कांग्रेस के 44 विधायक हैं
- 08 अन्य विधायकों को समर्थन हासिल है
- 16 विधायकों पर एक्शन के बाद अगर 22 विधायक लौट जाते हैं
- तो महाविकास अघाड़ी के पास कुल 140 विधायक हो जाएंगे
- जबकि बागियों पर एक्शन के बाद बहुमत का आंकड़ा- 136 होता है
- यानी उद्धव ठाकरे की सरकार बच जाएगी।
अब आज के सवाल
अब सड़क और सदन में महाराष्ट्र का 'रण'?
पवार के 'पावर' से उद्धव ने बदले तेवर?
16 विधायकों पर एक्शन, शिंदे की बढ़ेगी टेंशन?
महाराष्ट्र में शिंदे के 'बॉस' की एंट्री बाकी है?
महाराष्ट्र की लड़ाई, कोर्ट में जाने की नौबत आई?