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'हम स्‍वार्थ के लिए नहीं, परमार्थ के लिए लड़ेंगे', NSA अजित डोभाल का चीन को कड़ा संदेश

Updated Oct 25, 2020 | 18:29 IST

Ajit Doval warns China: एलएसी पर तनाव के बीच राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत हर उस जगह खतरे का मुकाबला करेगा, जहां उसे चुनौती मिलेगी।

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मुख्य बातें
  • NSA अजित डोभाल का चीन को कड़ा संदेश दिया है
  • उन्‍होंने कहा कि भारत किसी भी खतरे का सामना करेगा
  • डोभाल ने कहा कि भारत स्‍वार्थ के लिए नहीं, परमार्थ के लिए लड़ेगा

नई दिल्‍ली : पूर्वी लद्दाख में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के बीच राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अज‍ित डोभाल ने चीन को कड़ा संदेश दिया है। उन्‍होंने कहा कि भारत को जहां कहीं भी खतरा महसूस होगा, वह लड़ेगा जरूर। लेकिन ऐसा निजी स्‍वार्थ के लिए नहीं, बल्कि 'परमार्थ' के लिए किया जाएगा। चीन को एनएसए की चेतानी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की शस्‍त्र पूजा और पड़ोसी मुल्‍क को दिए गए कड़े संदेश के बाद आई है।

राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अज‍ित डोभाल ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा, 'हम वहीं लड़ेंगे, जहां पर आपकी इच्‍छा है, ये कोई जरूरत तो नहीं है। हम वहीं लड़ेंगे, जहां पर से हमें खतरा आ रहा है और हम उस खतरे का मुकाबला वहीं करेंगे। ये एक बात है, लेकिन हमने अपने स्‍वार्थ के लिए नहीं किया। हम युद्ध तो करेंगे, अपनी जमीन पर भी करेंगे और बाहर भी करेंगे। लेकिन अपने निजी स्‍वार्थ के लिए नहीं, परमार्थ के लिए करना पड़ेगा।'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को चेताया

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत, चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव को खत्म करना और शांति बहाल करना चाहता है। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सुकना स्थित भारतीय सेना के 33 कोर के मुख्यालय में दशहरा के मौके पर शस्त्र पूजा के बाद उन्‍होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि सीमा पर तनाव खत्‍म हो और शांति स्‍थापित हो। लेकिन कभी-कभी कुछ नापाक घटनाएं होती रहती हैं। मैं पूरी तरह से आश्‍वस्‍त हूं, मुझे भरोसा है कि हमारी सेना के जवान किसी भी सूरत में भारत की एक इंच भूमि भी किसी दूसरे के हाथों में जाने नहीं देंगे।'

इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी संघ की वार्षिक विजयदशमी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को चीन के खिलाफ बेहतर सैन्य तैयारियां करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चीनी घुसपैठ पर भारत ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी, उससे वह सकते में है। भारत को लगातार अपनी शक्ति एवं दायरा बढ़ाने की आवश्यकता है।

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