लाइव टीवी

विपक्षी दलों की बैठक, सोनिया गांधी ने कहा- हम सभी की अपनी मजबूरियां हैं लेकिन राष्ट्र हित के लिए साथ आएं

Updated Aug 20, 2021 | 19:10 IST

विपक्षी एकजुटता को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 15 से अधिक पार्टियों के नेताओं से बैठक की। उन्होंने का राष्ट्र हित के लिए सभी साथ आएं।

Loading ...
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी
मुख्य बातें
  • विपक्ष की एकजुटता के लिए 15 से अधिक पार्टियों ने बैठक की।
  • इस बैठक में सोनिया गांधी के साथ शरद पवार, ममता बनर्जी समेत कई नेताओं हिस्सा लिए।
  • सभी विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने कहा कि विपक्ष को एकजुट होना होगा।

विपक्षी एकजुटता को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार (20 अगस्त) को देश के कई प्रमुख विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत 15 से अधिक पार्टियों के नेता शामिल हुए। सोनिया गांधी ने कहा कि संसद में विपक्षी एकता का भरोसा, लेकिन इसके बाहर बड़ी राजनीतिक लड़ाई लड़नी होगी। पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सरकार की अनिच्छा के कारण संसद का मॉनसून सत्र पूरी तरह बेकार चला गया।

सोनिया कहा कि असली लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है, जिसके लिए हमें अपने देश को स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और हमारे संविधान के सिद्धांतों और प्रावधानों में विश्वास करने वाली सरकार देने के उद्देश्य से व्यवस्थित रूप से योजना बनाना शुरू करना होगा। यह एक चुनौती है, लेकिन एक साथ मिलकर हम इसे उठा सकते हैं और इसे उठाना चाहिए क्योंकि एक साथ मिलकर काम करने का कोई विकल्प नहीं है। हम सभी की अपनी मजबूरियां हैं, लेकिन स्पष्ट रूप से, समय आ गया है जब हमारे राष्ट्र के हितों की मांग है इसलिए हम उनसे ऊपर उठें। सूत्रों के मुताबिक सभी मुख्यमंत्रियों ने कहा कि विपक्ष को एकजुट होना होगा, गैर भाजपा राज्य सरकारों को परेशान किया जा रहा है। हमें साथ आना होगा और केंद्र सरकार का सामना करना होगा।

सूत्रों के मुताबिक NCP प्रमुख शरद पवार ने बैठक में कहा कि वर्तमान सरकार इन सभी मुद्दों को हल करने में विफल रही है। जो लोग लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखते हैं, जो हमारे देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए, यही मेरा आह्वान है। किसान कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए यह एक दर्दनाक तस्वीर है। देश आर्थिक मंदी, कोविड महामारी, बेरोजगारी, सीमा विवाद, अल्पसंख्यक समुदायों के मुद्दे आदि जैसे कई मुद्दों का सामना कर रहा है।

बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से, मैंने कई मौकों पर प्रधानमंत्री को सीधे नकद सहायता जैसे तत्काल उपायों की आवश्यकता पर प्रकाश डालने के लिए भी लिखा है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि शरद पवार जी ने ध्यान दिलाया कि कैसे गृह मंत्री के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों-जिम्मेदारियों में हस्तक्षेप कर रहा है। ममता जी और उद्धव जी ने वैक्सीन आपूर्ति में गैर-बीजेपी शासित राज्यों के साथ भेदभाव पर जोर दिया, जैसा कि अन्य सीएम ने कहा।

सोनिया ने कहा कि सार्वजनिक महत्व के जरूरी मुद्दों पर चर्चा और बहस करने के लिए सरकार की अड़ियल और अभिमानी अनिच्छा के कारण संसद का मानसून सत्र फिर से पूरी तरह से बर्बाद हो गया था। सोनिया ने कहा कि इनमें पेगासस कांड शामिल है जो प्रत्येक नागरिक को प्रभावित करता है, तीन किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करना- पिछले 9 महीनों से किसानों का आंदोलन, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और संघवाद और हमारे लोकतंत्र की संस्थाओं पर हमला शामिल है।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।