लाइव टीवी

Shramik special Trains पर राजनीति से बाज आए विपक्ष, रेल मंत्री पीयूष गोयल की दो टूक

Updated May 26, 2020 | 21:29 IST

Piyush Goyal on shramik special trains: रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के लिए रेलवे की कोशिशों को धूल में मिलाने की कोशिश की जा रहा है।

Loading ...
पीयूष गोयल, रेल मंत्री
मुख्य बातें
  • श्रमिक स्पेशल ट्रेनों पर जारी राजनीति पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साधा निशाना
  • सात से 9 दिनों में ट्रेनों के गंतव्य तक पहुंचने की खबर निराधार
  • रेल मंत्रालय की पहल को विपक्ष धूल में मिला रहा है।

नई दिल्ली। प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनें सियासत के दायरे में आ चुकी हैं। कई राज्यों का कहना है कि रेल मंत्रालय भेदभाव कर रहा है। लेकिन रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि इस विषय पर सियासत हो रही है। वो कहते हैं कि पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र को इस विषय को सुलझा लेना चाहिए। एक राज्य यानि बंगाल प्रवासी मजदूरों को लेने के लिए तैयार नहीं है तो महाराष्ट्र डिपार्चर को कैंसिल नहीं कर रहा है और उसका असर प्रवासी मजदूरों को उठाना पड़ रहा है। सच तो यह है कि महाराष्ट्र में गठबंधन के घटक दल ही सरकारी मुहिम को नाकाम बनाने में जुट गए हैं। 

ट्रेनों के आंकड़े पर सवाल
रेल मंत्री बताते हैं कि अब तक 3265 ट्रेनों की रवानगी अलग अलग जगहों से हुई है। 23 मई तक सभी ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच गई थीं। पूर्वोत्तर भारत के लिए रवाना की गईं ट्रेनें अभी पटरी पर हैं लिहाजा यह कहना कि ट्रेनें सात से 9 दिन का समय ले रही हैं आधारहीन है, इस तरह के आरोपों के जरिए रेलवे और उसके कर्मचारियों की कोशिशों को धूल में मिलाने जैसा है। 

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने साधा निशाना
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों और कुछ राजनीतिक दलों को छोड़ दिया जाए तो किसी को आपत्ति नहीं है। लेकिन मकसद विहीन नेता स्वार्थ के लिए रेल मंत्रालय की कोशिशों को नाकाम कर रहे हैं। जहां तक केंद्र सरकार की बात है तो निश्चित तौर पर हम प्रवासी श्रमिकों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध हैं। रेल मंत्री के बयान के बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक हमलावर हुए। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर हम लोग केंद्र के प्रोटोकॉल का ही अनुसरण कर रहे हैं। लेकिन रेल मंत्रालय हर एक दिन 150 ट्रेनों की क्राइटेरिया को पूरा नहीं कर पा रहा है। सच तो यह है कि रेल मंत्री अपने विभाग की  खामियों को छिपाने में लगे हुए हैं। 



केरल और महाराष्ट्र का पलटवार
इन सबके बीच केरल के सीएम पी विजयन ने भी निशाना साधा। वो कहते हैं कि भारतीय रेलवे ने मुंबई से केरल ट्रेन भेजने का फैसला किया। लेकिन इसके बारे में केरल सरकार को जानकारी नहीं दी गई। इस मामले को रेल मंत्रालय के समने उठाकर बताया गया कि इससे राज्यों की शक्तियों को कमजोर किया जा रहा है।  वो कहते है कि इसी तरह का एक मामला दिल्ली से केरल का भी था। राज्य सरकार इस मुद्दे को पीएमओ के संज्ञान में लाएगी। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।