नई दिल्ली: संसद की कैंटीन में मेन्यू का विस्तार किया गया है और 27 जनवरी से यहां 58 फूड आइटम उपलब्ध रहेंगे इसमें शाकाहारी और मांसाहारी दोनों हैं। अब बुफे लंच 700 रुपए में मिला करेगा। वहीं एक आलू बोंडा की कीमत 10 रुपए होगी। एक आंतरिक परिपत्र में कहा गया है कि संसद की कैंटीन अब भारत पर्यटन विकास निगम (ITDC) द्वारा चलाई जा रही है।
अब शाकाहारी बिरयानी की कीमत 50 है, वहीं चिकन बिरयानी की एक प्लेट की कीमत 100 रुपए होगी। एक शाकाहारी भोजन (थाली) अब 100 में मिलेगी, जबकि मटन बिरयानी के लिए 150 रुपए और मछली और चिप्स की एक प्लेट के लिए 110 रुपए की कीमत चुकानी होगी।
नई रेट लिस्ट से संकेत मिलता है कि पहले की तुलना में संसद की कैंटीन में खाना अब महंगा हो गया है। चिकन बिरयानी की कीमत मौजूदा दर से 30 अधिक होगी और मटन 50 रुपए महंगा होगा। नई वस्तुओं में मछली और चिप्स, मेडु वड़ा, मटन कटलेट, आमलेट, मसाला पूरी और उत्तपम शामिल हैं। हरी सलाद की एक छोटी प्लेट, जो पहले 10 में उपलब्ध थी, अब उसकी कीमत 25 रुपए होगी।
सब्सिडी की गई बंद
पिछले साल उत्तरी रेलवे के साथ अनुबंध जो कि 1968 से चला रहा था उसे खत्म कर दिया गया। एक सामान्य सत्र के दौरान हर दिन संसद में औसतन 4,500 लोग भोजन करते हैं। अधिकारियों के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 के दौरान, 17 करोड़ की वार्षिक सब्सिडी के दौरान, केवल 24 लाख सांसदों के खाते में खर्च किए गए थे। हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि संसद की कैंटीन में सांसदों और अन्य को भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी बंद कर दी गई है। सब्सिडी समाप्त किए जाने से लोकसभा सचिवालय को सालाना 8 करोड़ रुपए की बचत हो सकेगी। उत्तर रेलवे के बजाय अब आईटीडीसी संसद की कैंटीनों का संचालन करेगा।