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ED का शिकंजा कसते ही बीमार हुए ममता के मंत्री पार्थ, एयर एंबुलेंस से AIIMS भुवनेश्वर किए गए शिफ्ट

Updated Jul 25, 2022 | 08:11 IST

Partha Chatterjee News: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ED को पार्थ चटर्जी को 25 जुलाई की सुबह एयर एम्बुलेंस द्वारा एम्स, भुवनेश्वर ले जाने की अनुमति दी।उनके साथ SSKM अस्पताल के एक डॉक्टर और उनके वकील भी होंगे।

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पार्थ को भुवनेश्वर AIIMS ले जाने की इजाजत के बाद हाईकोर्ट का सख्त निर्देश
मुख्य बातें
  • एयर एम्बुलेंस द्वारा एम्स, भुवनेश्वर भेजे गए पार्थ चटर्जी
  • पार्थ को भुवनेश्वर AIIMS ले जाने की इजाजत के बाद हाईकोर्ट का सख्त निर्देश
  • जांच से बचने के लिए अक्सर SSKM अस्पताल का सहारा लेते हैं राजनेता- HC

Partha Chatterjee News: रसूखदार जब फंसते हैं तो बीमार हो जाते हैं। इस बार बीमार पड़े हैं ममता बनर्जी सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी, जो शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद ईडी के रिमांड पर भेजे क्या गए कि बीमार पड़ गए लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें तगड़ा झटका दिया है और इलाज के लिए भुवनेश्वर के एम्स में भेज दिया है। जहां उनका इलाज किया जाएगा। यहीं से डिजिटल तरीके से कोलकाता की एक विशेष ईडी अदालत में आज शाम इनकी पेशी होनी है। पार्थ चटर्जी को आज सुबह कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल से बाहर लाया गया। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, उन्हें आज एयर एम्बुलेंस द्वारा एम्स, भुवनेश्वर में ले जाया जा रहा है जहां एसएसकेएम अस्पताल के एक डॉक्टर और उनके वकील भी मौजूद रहेंगे।

अर्पिता की भी होगी पेशी

पार्थ चटर्जी के अलावा इसी मामले में आज अर्पिता मुखर्जी की भी पीएमएलए कोर्ट में पेश होना है। रविवार को उन्हें एक दिन की रिमांड पर ईडी की हिरासत में भेजा गया था जहां ईडी अपनी जांच का विस्तार कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस घोटाले में कितने बड़े-बड़े नाम शामिल हैं। बता दें कि ईडी ने पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर रेड मारी थी जहां से 21 करोड़ से ज्यादा कैश मिला था। इसके अलावा, कई ऐसे पेपर मिले जिनमें लेन-देन के पुख्ता सबूत हैं साथ ही इस मामले के सीधे तार मंत्री पार्थ चटर्जी से जुड़े मिले हैं।

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टीएमसी का बयान

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी का अर्पिता मुखर्जी से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी इस मामले में समयबद्ध जांच किए जाने की मांग करती है।’’ उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में केंद्रीय एजेंसी की जांच कई साल से जारी है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कई करोड़ रुपये वाले सारदा चिटफंट मामले की जांच 2014 से कर रहा है और 2016 के चुनाव से पहले सामने आए नारदा टेप मामले की जांच भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है।

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