- PM मोदी ने 16 जुलाई को किया था एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन
- करीब 15 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है एक्सप्रेसवे
- जलभराव के बाद बुधवार रात करीब डेढ़ फुट सड़क धंस गई थी
उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसा है। एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के एक हफ्ते के अंदर बारिश की वजह से जगह-जगह इसके कथित तौर पर उखड़ जाने पर उन्होंने पूछा है कि इसे बनाने और बनवाने वालों की संपत्तियों पर बुलडोजर कब चलेगा?
दरअसल, यह सवाल उन्होंने रविवार (24 जुलाई, 2022) को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर के जरिए उठाया। एक वीडियो रिपोर्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘‘बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की खामियों और खराबियों का खामियाजा जनता क्यों भुगते? जनता टैक्स का पैसा भी दे और इलाज का भी।’’ उन्होंने आगे लिखा, ‘‘भाजपा सरकार ने जितनी जल्दबाजी उद्घाटन में दिखाई थी, उससे भी जल्दी ये एक्सप्रेस-वे जगह-जगह उखड़ गया है। इसको बनवाने वालों और बनाने वालों पर बुलडोजर कब चलेगा?’’
बारिश के चलते एक्सप्रेस-वे के एक हिस्से में गड्ढा
दरअसल, जालौन जिले में इस एक्सप्रेस-वे पर माधोगढ़ के चिरिया सलेमपुर में भारी बारिश के चलते गहरा गड्ढा हो गया था। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के प्रवक्ता दुर्गेश उपाध्याय ने लखनऊ में समाचार एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' को बताया था, ‘‘भारी बारिश के कारण एक्सप्रेस-वे पर पानी भर गया था। नतीजतन बुधवार रात करीब डेढ़ फुट सड़क धंस गई। सूचना पर अधिकारियों की टीम वहां पहुंची और इसे दुरुस्त कर दिया गया।’’ सड़क की तत्काल मरम्मत कर इस एक्सप्रेसवे को यातायात के लिए खोल दिया गया।
क्यों खास है यह एक्सप्रेस-वे?
14,850 करोड़ रुपए की लागत से बने 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यह उत्तर प्रदेश के सात जिलों (चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा) से गुजरता है। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है।
पीएम मोदी ने 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। वक्त से पहले इस एक्सप्रेस-वे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया। चार लेन वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है।