जम्मू : पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। साथ ही उन्होंने पूर्व सहयोगी भाजपा से किसी भी तरह का गठबंधन करने की संभावना से इनकार किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात सामान्य से कोसों दूर हैं, जिसका सबूत दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में शुक्रवार को हुए दोहरे हमले हैं, जिनमें एक पुलिस कर्मी और एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गई थी।
पार्टी के एक कार्यक्रम से इतर यहां संवाददाताओं से बातचीत में महबूबा ने कहा, 'पीडीपी (विधानसभा) चुनाव लड़ेगी। जहां तक गठबंधन का सवाल है तो अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी लेकिन एक बात निश्चित तौर पर स्पष्ट है कि हम उस पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।'
गौरतलब है कि भाजपा ने वर्ष 2018 में पीडीपी नीत गठबंधन सरकार से तीन साल के बाद समर्थन वापस ले लिया था। महबूबा ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उनका उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद-370 को बहाल करना है, जिसे पांच अगस्त 2019 को भाजपा नीत केंद्र सरकार ने समाप्त कर दिया था।
बीजेपी को लेकर क्या बोलीं महबूबा मुफ्ती?
उन्होंने कहा, 'दावा किया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में सबकुछ सामान्य है, जो सरासर गलत है। लोग शांत हैं और शांत होने का अभिप्राय यह नहीं होता कि स्थिति सुधर गई है। वे घुटन महसूस कर रहे हैं जबकि वे (भाजपा) दिखाने की कोशिश कर रहे हैं सबकुछ ठीक है।'
उन्होंने बड़े कॉरपोरेट चेन को अपने स्टोर खोलने की अनुमति देकर कथित तौर पर स्थानीय कारोबार को खत्म करने की कोशिश के खिलाफ 22 सितंबर को जम्मू चैम्बर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री की ओर से बुलाई गई एक दिवसीय हड़ताल का संदर्भ देते हुए कहा कि जिनके बारे में भाजपा दावा करती थी कि उन्होंने अनुच्छेद 370 का समर्थन किया है, वे हड़ताल कर रहे हैं। पीडीपी नेता ने कहा, 'कम से कम वे अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं लेकिन कश्मीर में लोग यह भी नहीं कर पा रहे हैं। अगर वे हड़ताल करते हैं तो उन्हें अपनी दुकानें खोलने के लिए मजबूर किया जाता है।'
उन्होंने आरोप लगाया, 'वे केवल कमीशन को लेकर चिंतित हैं जिसका इस्तेमाल विपक्षी विधायकों को खरीदने और निर्वाचित सरकार गिराने में किया जाता है।' उनके दौरे से पहले राजौरी जिले के कोटरंका स्थित इमारत से राष्ट्रीय ध्वज उतारने के सवाल पर महबूबा ने कहा, 'मुझे इसकी जानकारी नहीं है, इस बारे में पुलिस से सवाल करें।' गौरतलब है कि पुलिस ने 17-18 सितंबर की दरमियानी रात को राजौरी जिले के कोटरंका की इमारत से राष्ट्रीय ध्वज उतारने के मामले में शनिवार को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।