नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी नीतीश कुमार ने पेगासस जासूसी कांड की जांच की विपक्ष की मांग को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजें लोगों को परेशान करने के लिए नहीं की जानी चाहिए। पूरी बात सार्वजनिक की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, 'वास्तव में जांच होनी चाहिए। हम इतने दिनों से टेलीफोन टैपिंग के बारे में सुन रहे हैं, इस मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। लोग (विपक्ष) इतने दिनों से (बातचीत के लिए) दोहरा रहे हैं, यह किया जाना चाहिए।'
आरोप है कि कई राजनेता, पत्रकार, न्यायाधीश और अन्य लोग इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के निशाने पर थे। दुनिया भर के 17 मीडिया घरानों के एक संघ की रिपोर्ट के बाद पिछले महीने बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हुआ। विपक्षी पहले दिन से इस पर संसद में चर्चा की मांग कर रहा है। इससे संसद मानसून सत्र में अच्छे से नहीं चल पा रही है।
विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।