नई दिल्ली : देश-दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच शाकाहार और मांसाहार को लेकर भी बहस छिड़ी हुई है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह वायरस चीन के वुहान स्थित सबसे बड़े पशु बाजार से फैला था, जो देखते ही देखते पूरी दुनिया में फैल गया। इस बीच बड़ी संख्या में लोगों ने नॉनवेज से दूरी बना ली तो सरकार की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया कि यह वायरस मांसाहारी भोजन से नहीं फैलता। हां, इसे सही तरीके से पकाकर खाने की सलाह जरूर दी गई। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका देकर अनुरोध किया गया है कि देश में जब तक कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा टल नहीं जाता, नॉनवेज पर रोक लगा दी जानी चाहिए।
इस संगठन ने दायर की याचिका
इस संबंध में एक जनहित याचिका (PIL) सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। जैन समुदाय से जुड़े विश्व जैन संगठन ने यह याचिका शीर्ष अदालत में दायर की है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि जब तक कोरोना का संक्रमण खत्म नहीं हो जाता, नॉनवेज खाने पर रोक लगा दी जानी चाहिए। इसमें यह भी दावा किया गया है कि एक तरफ जहां कोरोना वायरस का मामला सामने आने के बाद चीन ने अपने सभी मीट मार्केट बंद कर दिए थे, वहीं भारत में पशुपालन मंत्रालय ने 30 मार्च को जारी एक सर्कुलर में मीट और चिकन खाने की इसकी अनुमति दी थी।
WHO ने दिए थे ये संकेत
सुप्रीम कोर्ट में यह पीआईएल ऐसे समय में दायर किया गया है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस सप्ताह की शुरुआत में ही इसके संकेत दिए थे कि कोरोना वायरस और जानवरों के बीच कनेक्शन हो सकते हैं। वुहान की प्रयोगशाला में वायरस बनाए जाने की अमेरिकी थ्योरी से इनकार करते हुए डब्ल्यूएचओ प्रवक्ता ने कहा था कि अब जो साक्ष्य आए हैं, उससे प्रतीत होता है कि यह वायरस जानवरों से निकला। इसे लैब में या कहीं अन्य बनाने की बातें सही नहीं हैं। फिलहाल यही लगता है कि यह किसी जानवर से फैला।
सुप्रीम कोर्ट में पहले भी पहुंचा था केस
यहां उल्लेखनीय है कि देशव्यापी लॉकडाउन के बीच पिछले दिनों एक याचिकाकर्ता चिकन और मटन खाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था और उसने नॉनवेज की दुकानें खोलने की मांग की थी, जिस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि आप कुछ दिनों तक चिकन और मटन नहीं खा पाएंगे तो क्या हो जाएगा?