प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हल्द्वानी, उत्तराखंड का दौरा करेंगे और 17,500 करोड़ रुपए से ज्यादा की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। 23 परियोजनाओं में से 14,100 करोड़ रुपए की 17 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। ये परियोजनाएं सिंचाई, सड़क, आवासीय, स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर, उद्योग, स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति सहित कई सेक्टरों/ क्षेत्रों से संबंधित हैं। इस कार्यक्रम में 6 परियोजनाओं का उद्घाटन होगा, जो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं, एक पिथौरागढ़ में पनबिजली परियोजना और नैनीताल में सीवरेज नेटवर्क में सुधार से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 3,400 करोड़ रुपए है।
पीएम मोदी ने क्या कहा
- उत्तराखंड तेज़ विकास की रफ्तार को और तेज़ करना चाहता है। आपके सपने, हमारे संकल्प हैं; आपकी इच्छा, हमारी प्रेरणा है; और आपकी हर आवश्यकता को पूरा करना हमारी ज़िम्मेदारी है।
- आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं। पहले की सरकारों ने सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद कैसे इस क्षेत्र की अनदेखी की, ये राष्ट्ररक्षा के लिए संतानों को समर्पित करने वाली कुमाऊं की वीर माताएं भूली नहीं हैं।
- कनेक्टिविटी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के हर पहलू को अनदेखा किया गया। हमारी सेना और सैनिकों को सिर्फ और सिर्फ इंतज़ार ही कराया।
- केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल टेलीस्कोप भी स्थापित की है। इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है।
- गंगोत्री से गंगासागर तक हम एक मिशन में जुटे हैं। शौचालयों के निर्माण से, बेहतर सीवरेज सिस्टम से और पानी के ट्रीटमेंट की आधुनिक सुविधाओं से गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है।
- जब हम किसी ऐतिहासिक स्थल पर जाते हैं तो वहां हमें ये बताया जाता है कि इस स्थान को इतने साल पहले बनाया गया था, ये इमारत इतनी पुरानी है। दशकों तक देश का ये हाल रहा है कि बड़ी योजनाओं की बात आते ही कहा जाता था- ये योजना इतने साल से अटकी है, ये प्रोजेक्ट इतने दशक से अधूरा है।
- पहले जो सरकार में रहे हैं, ये उनका परमानेंट ट्रेडमार्क रहा है। आज यहां उत्तराखंड में जिस लखवाड़ प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ है, उसका भी यही इतिहास है। इस परियोजना के बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था। आज 46 साल बाद, हमारी सरकार ने इसके काम का शिलान्यास किया है।
- उत्तराखंड अपनी स्थापना के 20 साल पूरे कर चुका है। इन वर्षों में आपने ऐसे भी सरकार चलाने वाले देखे हैं जो कहते थे- चाहे उत्तराखंड को लूट लो, मेरी सरकार बचा लो। इन लोगों ने दोनों हाथों से उत्तराखंड को लूटा। जिन्हें उत्तराखंड से प्यार हो, वो ऐसा सोच भी नहीं सकते।
- उत्तराखंड से कितनी ही नदियां निकलती हैं। आजादी के बाद से ही, यहां के लोगों ने दो धाराएं और देखी हैं। एक धारा है- पहाड़ को विकास से वंचित रखने की। और दूसरी धारा है- पहाड़ के विकास के लिए दिन रात एक कर देने की।
- उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगा। उत्तराखंड में बढ़ रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चार धाम महापरियोजना, नए बन रहे रेल रूट्स, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएंगे।
खास है लखवाड़ परियोजना
प्रधानमंत्री लगभग 5750 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना की आधारशिला रखी। इस परियोजना की 1976 में पहली बार परिकल्पना की गई थी और कई वर्षों से लंबित पड़ी थी। बहुत अधिक समय से लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार ही इस परियोजना की आधारशिला रखी गई है। राष्ट्रीय महत्व की यह परियोजना, लगभग 34,000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की सिंचाई, 300 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन और छह राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान को पेयजल की आपूर्ति करने में सक्षम बनाएगी। देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में संपर्क में सुधार की प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप लगभग 8700 करोड़ रुपए की कई सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जाएगा।
उत्तराखंड और नेपाल के बीच सड़क संपर्क में सुधार होगा
जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी उनमें 4000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनने वाली 85 किलोमीटर मुरादाबाद-काशीपुर सड़क को चार लेन का बनाना; गदरपुर-दिनेशपुर-मडकोटा-हल्द्वानी रोड (एसएच-5) के 22 किलोमीटर के हिस्से को दो लेन का और किच्चा से पंतनगर (एसएच-44) तक 18 किलोमीटर के हिस्से को दो लेन का बनाना; ऊधमसिंह नगर में 8 किलोमीटर लंबे खटीमा बाइपास का निर्माण; 175 करोड़ से अधिक की लागत से चार लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 109-D) का निर्माण शामिल है। इन सड़क परियोजनाओं से गढ़वाल, कुमाऊं और तराई क्षेत्र में सड़क संपर्क तथा उत्तराखंड और नेपाल के बीच सड़क संपर्क में सुधार होगा। बेहतर सड़क संपर्क से जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंच में सुधार के अलावा रुद्रपुर और लालकुआं में औद्योगिक क्षेत्रों को भी फायदा होगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पूरे राज्य में कई सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी प्रधानमंत्री द्वारा रखी जाएगी। परियोजनाओं में 625 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से कुल 1157 किलोमीटर की 133 ग्रामीण सड़कों का निर्माण और लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से 151 पुलों का निर्माण शामिल है।
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली सड़क परियोजनाओं में, 2500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित, नगीना से काशीपुर (एनएच-74) तक 99 किलोमीटर सड़क को चौड़ा करने की परियोजना और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तथा 780 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से सभी मौसम में उपयुक्त सड़क परियोजना के तहतनिर्मित टनकपुर-पिथौरागढ़ सड़क (एनएच 125) के तीन खण्डों को चौड़ा करने की परियोजनाएं शामिल हैं। तीन सड़क खण्ड हैं - च्युरानी से अंचोली (32 किलोमीटर), बिलखेत से चंपावत (29 किलोमीटर) और तिलोन से च्युरानी (28 किलोमीटर)। सड़क चौड़ा करने की परियोजनाओं से न केवल दूर-दराज के क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण टनकपुर-पिथौरागढ़ सड़क से अब हर मौसम में संपर्क; सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की निर्बाध आवाजाही और कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा प्राप्त होगी।
राज्य की चिकित्सा अवसंरचना का विस्तार करने और देश के सभी हिस्सों में लोगों को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास के अंतर्गत, प्रधानमंत्री उधम सिंह नगर जिले में एम्स ऋषिकेश सैटलाइट सेंटर और पिथौरागढ़ में जगजीवन राम सरकारी मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखेंगे। इन दोनों अस्पतालों को क्रमश: 500 करोड़ रुपये और 450 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया जा रहा है। बेहतर चिकित्सा अवसंरचना सुविधा से न केवल कुमाऊं और तराई क्षेत्रों के लोगों को बल्कि उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को भी मदद मिलेगी।
करीब 2400 मकानों के निर्माण की आधारशिला रखें
राज्य की चिकित्सा अवसंरचना का विस्तार करने और देश के सभी हिस्सों में लोगों को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास के अंतर्गत, प्रधानमंत्री उधम सिंह नगर जिले में एम्स ऋषिकेश सैटलाइट सेंटर और पिथौरागढ़ में जगजीवन राम सरकारी मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखेंगे। इन दोनों अस्पतालों को क्रमश: 500 करोड़ रुपये और 450 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया जा रहा है। बेहतर चिकित्सा अवसंरचना सुविधा से न केवल कुमाऊं और तराई क्षेत्रों के लोगों को बल्कि उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज और काशीपुर इलाकों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए करीब 2400 मकानों के निर्माण की आधारशिला रखेंगे। इन घरों का निर्माण प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 170 करोड़ रुपए से अधिक की कुल लागत से किया जाएगा।
मोदी राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में नल से जल की आपूर्ति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत राज्य के 13 जिलों में 73 जलापूर्ति योजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इन योजनाओं पर कुल मिलाकर करीब 1250 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इससे राज्य के 1.3 लाख से अधिक ग्रामीण परिवार लाभान्वित होंगे। इसके अलावा हरिद्वार और नैनीताल के शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु प्रधानमंत्री इन दोनों शहरों के लिए जलापूर्ति योजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। इन परियोजनाओं से हरिद्वार में लगभग 14500 और हल्द्वानी में 2400 से अधिक नल जल कनेक्शन मिलेंगे, जिससे हरिद्वार की लगभग एक लाख आबादी तथा हल्द्वानी की लगभग 12000 को लाभ प्राप्त होगा।
प्लास्टिक औद्योगिक पार्क की आधारशिला रखी जाएगी
किसी भी क्षेत्र की अंतर्निहित क्षमता का व्यापक उपयोग करने हेतु नए अवसर सृजित करने संबंधी प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप काशीपुर में 41 एकड़ क्षेत्र में एरोमा पार्क और सितारगंज में 40 एकड़ क्षेत्र में प्लास्टिक औद्योगिक पार्क की आधारशिला रखी जाएगी। इन दोनों परियोजनाओं का विकास राज्य अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास निगम उत्तराखंड लिमिटेड (एसआईआईडीसीयूएल) द्वारा लगभग 100 करोड़ रुपये की कुल लागत से किया जाएगा। उत्तराखंड में अनूठी भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर वहां फूलों की खेती के विकास की जो अपार संभावनाएं हैं उनका व्यापक उपयोग एरोमा पार्क में किया जाएगा। प्लास्टिक औद्योगिक पार्क इस राज्य के औद्योगिक कौशल को सही ढंग से साबित करने और लोगों के लिए रोजगार अवसर सृजित करने की दिशा में एक अहम कदम होगा।
दो सीवेज शोधन संयंत्रों का भी उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से नैनीताल के रामनगर में बनाए गए 7 एमएलडी और 1.5 एमएलडी की क्षमता वाले दो सीवेज शोधन संयंत्रों का भी उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से ऊधम सिंह नगर में बनने वाले नौ सीवेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) के निर्माण; और नैनीताल में सीवरेज प्रणाली के उन्नयन के लिए 78 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएन) लिमिटेड द्वारा निर्मित 5 मेगावाट की क्षमता एवं बिना जल भंडारण वाली सुरिंगड-II जलविद्युत परियोजना का भी उद्घाटन करेंगे।