- मुख्यमंत्रियों के साथ सीएम की बैठक, कोरोना कर्फ्यू, टीका उत्सव, वैक्सीन के बजाय टेस्टिंग पर फोकस
- पीएम मोदी आरटीपीसीआर के लिए मुंह और नाक में अंदर से सैंपल लिया जाना चाहिए
- लोग पहले से अधिक बेपरवाह हो गए हैं, कुछ राज्यों में प्रशासन शिथिलता बरत रहा है- मोदी
नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी विकराल रूप धारण कर चुकी है और पिछले चौबीस घंटे के दौरान आए आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। कोरोना से बिगड़ते हालातों को लेकर पीएम मोदी ने आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक की जिसमें गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, भारत ने कोविड-19 महामारी की पहली लहर की चरम सीमा को पार कर लिया है; कुछ राज्यों में स्थिति बहुत गंभीर है। पीएम मोदी ने कहा,लोग पहले से अधिक बेपरवाह हो गए हैं, कुछ राज्यों में प्रशासन शिथिलता बरत रहा है।
टेस्टिंग पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे पास अब अभी संसाधन हैं, हमारा ध्यान सूक्ष्म-निरूद्ध क्षेत्रों पर होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल रूप से की गई चर्चा में यह बात कही। संक्रमित व्यक्ति को रोकना ही वायरस की रोकथाम का रास्ता है, हमें जांच को बढ़ाना होगा। हमारे पास संसाधन हैं, अब अनुभव भी है, जांच (टेस्ट), पता लगाना (ट्रैक), उपचार (ट्रीट), कोविड उपयुक्त व्यवहार से संक्रमण की चरम सीमा को नीचे लाने में मदद मिलेगी: प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से संक्रमण की दर पांच फीसदी से नीचे लाने के लिए उपाय करने को कहा।'
टेस्टिंग पर जोर
दरअसल पीएम मोदी ने इस बार वैक्सीन की बजाय टेस्टिंग पर जोर दिया और कहा कि राज्य इस बात की चिंता ना करें कि टेस्टिंग बढ़ने से केस बढ़ जाएंगे।पीएम मोदी ने कहा, 'हम टेस्टिंग भूलकर वैक्सीन पर चले गए हैं। हमने लड़ाई सिर्फ टेस्टिंग से जीती थी, तब वैक्सीन नहीं थी। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना ऐसी चीज है जिसे जबतक आप बाहर से लेकर नहीं आएंगे, तब तक वह नहीं आएगा। इसलिए टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाने की जरूरत है।' हमारे पास अब संसाधन हैं, हमारा ध्यान सूक्ष्म-निरूद्ध क्षेत्रों पर होना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल रूप से की गई चर्चा में यह बात कही।
रही ये वजह
दरअसल पिछले कुछ समय से ऐसा देखा गया है कि कुछ राज्यों में टेस्टिंग बहुत कम हो रही है इसलिए मामले भी कम आ रहे हैं। पीएम ने इस बात को रेखांकित किया कि अगर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की जाए तो मामले ज्यादा निकल सकते हैं और कोरोना के अधिकांश मामले इसी तरह सामने आए हैं। पीएम ने कहा कि हमें हर संक्रमित के 30 कॉन्टैक्ट ट्रेस करने चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना के खिलाफ जंग में सुस्ती नहीं आने देना है। दरअसल जिन राज्यों ने टेस्टिंग पर जोर दिया था वहां सफलता भी मिली थी।
पीए ने आरटीपीसीआर टेस्ट को बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हमारा टारगेट कुल टेस्ट का 70 प्रतिशत आरटीपीसीआर पर होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कोविड उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए राज्यों में सर्वदलीय बैठक बुलाने का सुझाव दिया, जिसमें राज्यपाल, मशहूर हस्तियों एवं अन्य सम्मानित लोगों को शामिल किया जाए।