नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश वे 3 राज्य हैं, जहां कोविड-19 टीको का अपव्यय सबसे ज्यादा है। इस बात से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी निराश हैं। नीती आयोग के सदस्य (हेल्थ) डॉ. वीके पॉल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने टीके के अपव्यय पर निराशा व्यक्त की है। यह एक कीमती वस्तु है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई, 'भारत में कुल 6.5% कोरोना वायरस वैक्सीन बर्बाद हो रही है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में क्रमशः 17.6% और 11.6% वैक्सीन बर्बाद हो रही है। हमने राज्यों से कहा है कि टीका अपव्यय को काफी कम किया जाना चाहिए।'
पीएम मोदी ने उठाया मुद्दा
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में इस बात का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर इस लड़ाई में वैक्सीन अब एक साल के बाद हमारे हाथ में एक हथियार आया है, ये प्रभावी हथियार है। देश में वैक्सीनेशन की गति लगातार बढ़ रही है। हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी एक बार तो पार कर चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही हमें वैक्सीन की डोज बर्बाद होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 10 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीन वेस्टेज है। यूपी में भी वैक्सीन वेस्टेज करीब-करीब वैसा ही है। वैक्सीन क्यों वेस्ट हो रही है इसकी भी राज्यों में समीक्षा होनी चाहिए और मैं मानता हूं हर रोज शाम को इसके मॉनिटरिंग की व्यवस्था रहनी चाहिए और हमारे सिस्टम को सक्रिय लोगों को कॉन्टैक्ट करके एक साथ इतने लोग मौजूद रहें ताकि वैक्सीन बर्बाद न जाए, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि एक प्रकार से जितना प्रतिशत बर्बाद होता है, हम किसी के अधिकार को बर्बाद कर रहे हैं। हमें किसी के अधिकार को बर्बाद करने का हक नहीं है।'
PM की मुख्यमंत्रियों से अपील
उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्लानिंग और गवर्नेंस की जो भी कमियां हैं, उन्हें तुरंत सुधारा जाना चाहिए। वैक्सीन वेस्टेज जितनी रुकेगी, और मैं तो चाहूंगा राज्यों को तो जीरो वेस्टेज के टारगेट से काम शुरू करना चाहिए...हमारे यहां वेस्टेज नहीं होने देंगे। एक बार कोशिश करेंगे तो सुधार जरूर होगा। उतने ही ज्यादा हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स, और दूसरे योग्य लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज पहुंचाने के हमारे प्रयास सफल होंगे। मुझे विश्वास है कि हमारे इन सामूहिक प्रयासों और रणनीतियों का असर जल्द ही हमें दिखाई देगा और उसका परिणाम भी नजर आएगा।