- गुलाम नबी आजाद भी विदाई भाषण के दौरान भावुक हुए
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जमकर सराहना की
- 15 साल पुराने किस्से का जिक्र कर वो भावुक भी हो गए
मंगलवार यानी 9 फरवरी को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए भावुक हो गए। दरअसल, गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा में कार्यकाल पूरा हो रहा है और उन्हें कल विदाई दी गई। पीएम मोदी ने जमकर आजाद के स्वभाव और उनके काम करने के तरीके की तारीफ की। पीएम मोदी ने बताया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए थे। इनमें गुजरात के पर्यटक भी थे।
पीएम मोदी हुए भावुक
मोदी ने कहा, 'तब सबसे पहले गुलाम नबी आजाद ने फोन कर उन्हें सूचना दी और उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। मैंने तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी से पर्यटकों के पार्थिव शरीर लाने के लिए सेना का हवाई जहाज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। रात को पुन: आजाद ने फोन किया। यह फोन उन्होंने हवाईअड्डे से किया और उनकी चिंता उसी तरह थी जिस तरह लोग अपने परिवार की चिंता करते हैं।'
ये पूरा वाक्या बताते हुए पीएम मोदी खुद को रोक नहीं पाए और उनका गला रुंध गया। कुछ देर तक वो बोल ही नहीं पाए। मोदी आगे कहते हैं कि मेरे लिए बहुत भावुक पल था। अगले दिन सुबह पुन: आजाद का फोन आया और उन्होंने पूछा कि मोदी जी, क्या सभी पहुंच गए।
...तब रो गए थे आजाद
इसके बाद न्यूज एजेंसी ANI ने एक वीडियो जारी किया जिसमें आजाद पीड़ितों के साथ दिखाई दे रहे हैं और वो काफी भावुक हो रहे हैं। ये वीडियो 26 मई 2006 का है। वीडियो में आजाद को रुमाल से आंसू पोंछते हुए देखा जा सकता है। वो कहते हैं, 'आप यहां सैर करने आए थे और मैं उनकी लाशें हवाले कर रहा हूं। अफसोस है। हमें आप माफ करना।' ये बोलते हुए वो खूब रो देते हैं। 2006 में हुआ ये आतंकी हमला श्रीनगर में पर्यटकों पर हुआ था। 26 मई 2006 की बात है, जब यह हमला श्रीनगर के बाहरी इलाके में जकुरा के बाटापोरा इलाके में हुआ था। आतंकवादियों के हमले में चार पर्यटक मारे गए और छह अन्य घायल हो गए।
पांच ही बार चीख कर रोया: आजाद
राज्यसभा में बोलते हुए आजाद ने कहा, 'जम्मू एवं कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही दिनों के भीतर कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए थे। इनमें गुजरात के पर्यटक भी थे।' उन्होंने कहा कि वह जब हवाईअड्डे पहुंचे तब पीड़ित परिवारों के बच्चे उन्हें पकड़कर रोने लगे। आजाद ने कहा कि अपनी जिंदगी में वह पांच ही बार चीख कर रोए हैं। उन्होंने कहा, 'जब संजय गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का निधन हुआ था...उनका निधन अचानक हुआ था...वर्ष 1999 में जब सूनामी आई थी तब ओडिशा में लाशों का मंजर देखकर और पांचवीं बार जम्मू एवं कश्मीर में हुई उस आतंकवादी घटना के दौरान जिसमें गुजरात के पर्यटक मारे गए थे।'