- मध्य एशिया में शांति और स्थिरता भारत के लिए अहम
- अफगानिस्तान में शांति का बने रहना दुनिया के लिए जरूरी
- सेंट्रल एशिया समिट में पीएम नरेंद्र मोदी का खास संबोधन
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और Central Asia देशों के डिप्लोमेटिक संबंधों ने 30 सार्थक वर्ष पूरे कर लिए हैं। पिछले तीन दशकों में हमारे सहयोग ने कई सफलताएं हासिल की हैं।और अब, इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर, हमें आने वाले सालों के लिए भी एक महत्वकांक्षी vision परिभाषित करना चाहिए। क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए हम सभी की चिंताएं और उद्देश्य एक समान हैं। अफगानिस्तान के घटनाक्रम से हम सभी चिंतित हैं।
सेंट्रल एशिया में स्थिरता भारत के लिए जरूरी
इस सन्दर्भ में भी हमारा आपसी सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए और महत्वपूर्ण हो गया है।दूसरा उद्देश्य, हमारे सहयोग को एक प्रभावी structure देना है।इससे विभिन्न स्तरों पर, और विभिन्न stakeholders के बीच, regular interactions का एक ढांचा स्थापित होगा।और, तीसरा उद्देश्य हमारे सहयोग के लिए एक महत्वकांक्षी roadmap बनाना है।भारत की तरफ से मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि मध्य एशिया भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं।
समिट के तीन खास मकसद
आज की summit के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं।पहला, यह स्पष्ट करना कि भारत और Central Asia का आपसी सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए अनिवार्य है।दूसरा उद्देश्य, हमारे सहयोग को एक प्रभावी structure देना है। इससे विभिन्न स्तरों पर, और विभिन्न साझेदारों के बीच, नियमित तौर पर साधा संवाद का का एक ढांचा स्थापित होगा। और, तीसरा उद्देश्य हमारे सहयोग के लिए एक महत्वकांक्षी roadmap बनाना है।
अफगानिस्तान क्यों महत्वपूर्ण है
अफगानिस्तान की भौगोलिक स्थिति को अगर देखा जाए तो वो मध्य एशिया के दूसरे देशों के साथ सेतु का काम करता है। मध्य एशिया के दूसरे देशों के साथ भारत के बेहतर संबंध रहे हैं। उन देशों के साथ ना सिर्फ सांस्कृतिक बल्कि सदियों से राजनीतिक संबंध रहे हैं। अगर अफगानिस्तान को देखें तो यहां पर कबीलियाई संस्कृति का बोलबाला है और उनके बीच टकराहट होती रही है। इस समय अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है और तालिबान का रुख भारत को लेकर सही नहीं रहा है। हालांकि तालिबान का कहना है कि वो भारत के साथ दोस्तान व्यवहार बनाना चाहता है।