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राष्ट्रवाद पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को नहीं आ रहा रास ?

Updated Jan 27, 2022 | 18:21 IST

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के मंच पर पूर्व राषट्रपति हामिद अंसारी का बयान भारत की छवि को खराब करने वाला है। क्या उन्हें अपनी बात कहने का अधिकार नहीं है। इस विषय पर दो तरह के विचार सामने आए हैं, जिसे हम समझने की कोशिश करेंगे। ्

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क्या राष्ट्रवाद पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को नहीं आ रहा रास

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने क्या अपने बयान के जरिए विदेशी मेहमानों के सामने देश का अपमान करने का काम किया है। क्या उनके बयान से दुष्प्रचार गैंग को भारत के खिलाफ एक और साजिश करने का मौका मिला है। क्या जब वो बोल रहे थे तो उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि वो कहीं न कहीं भारत की पंथ निरपेक्ष व्यवस्था की आलोचना कर रहे हैं। सबसे पहले आपको सुनाते हैं कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 'इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के मंच पर क्या बयान दिया...

हामिद अंसारी का बयान
हमारे यहां करीब 20 फीसदी लोग धार्मिक रुप से अल्पसंख्यक हैं। हाल के सालों में देखा गया है कि भारत में नागरिक राष्ट्रवाद को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से बदलने की कोशिशें हो रही हैं।धार्मिक बहुमत को राजनीतिक एकाधिकार के रूप में पेश करके धर्म के आधार पर असहिष्णुता को बढ़ावा दिया जा रहा है।बहुसंख्यक ने राजनीतिक शक्तियों का एकाधिकार कर लिया है।ये नागरिकों को उनकी आस्था के आधार पर अलग करना चाहता है।ये असहिष्णुता को हवा दे रहा है, दूसरों को उकसा रहा है और असुरक्षा को बढ़ावा दे रहा है। हाल ही में इस तरह की अभिव्यक्तियां देखने को मिली हैं जबकि दावा किया जाता है कि कानून के हिसाब से शासन चलता है''



हामिद अंसारी के बयान पर कब-कब विवाद ?

10 अगस्त, 2017
मुस्लिमों में असुरक्षा और घबराहट का माहौल 

10 अगस्त, 2017
वंदे मातरम पर कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी की

21 नवंबर, 2020
समाज कट्टरता और आक्रामक राष्ट्रवाद का शिकार 

2018
हर समुदाय को निजी कानून चलाने का हक

2017 
कट्टरपंथी संगठन PFI की बैठक में शिरकत

21 जून 2015
अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस में शिरकत नहीं की

IAMC क्या है ?

संस्था के संस्थापक शेख उबैद
भारतीय मुस्लिमों के हितैषी का दावा
भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाता है
रोहिंग्या के नाम पर फंड्स जुटाए
USCIRF में भारत की खिलाफत
भारत को ब्लैकलिस्ट करने की लॉबिंग 
PM मोदी के खिलाफ फासीवादी दुष्प्रचार
त्रिपुरा में सांप्रदायिक दंगा कराने का आरोप
पाक खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े होने का आरोप

 IAMC का भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा

1. 2013 - US रिलीजियस फ्रीडम बॉडी में भारत को ब्लैक लिस्ट करने की साजिश
2. चीन, भारत, म्यांमार पर प्रतिबंध बढ़ाने के लिए 4,12,000 डॉलर जुटाए
3. दिल्ली दंगों में मरने वाले सभी लोगों के मुसलमान होने का दावा किया
4. 'भारत के हिंदू नेताओं ने कोविड को ठीक करने के लिए गोमूत्र पिया'
       रशीद अहमद, एक्जीक्यूटिव डारेक्टर, IAMC

5.  'पवित्र गायें सबसें स्वादिष्ट हैमबर्गर बनती हैं'
       अजीत साही, एडवोकेसी डायरेक्टर, IAMC

6.  'तालिबान ने अफगानिस्तान में बड़े सामाजिक सुधार किए'
        कलीम ख्वाजा, सदस्य, IAMC


भारत विरोधी 'टूलकिट 'की स्क्रिप्ट  
एड मार्की , अमेरिकी सीनेटर
पहले - 'न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप द्वारा भारत की भागीदारी पर रोक लगाने का स्वागत'
2016
अब - 'भारत सरकार अल्पसंख्यकों के धर्म को टारगेट कर रही'
जिम मैकगवर्न, अमेरिकी सीनेटर
पहले - '370 हटने के बाद कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया'
2019

अब - 'भारत में धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र खत्म हो रहा'
एंडी लेविन, अमेरिकी सीनेटर
पहले - 'आरोप लगाया कि भारत तेजी से अपनी धर्मनिरपेक्षता खो रहा है'
2019

अब - 'भारत में लोकतंत्र पीछे जा रहा, मानवधिकारों का हनन हो रहा'
 

जेमी रस्किन, अमेरिकी सीनेटर
पहले - 'भारत में भेदभाव के कारण भीड़ मुस्लिमों को टारगेट करती है'
2018

अब - 'भारत में धार्मिक भेदभाव हो रहा है'

क्या है लोकतंत्र सूचकांक ?

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) का सूचकांक
साल 2020 में भारत का 53वां स्थान
लोकतंत्र सूचकांक में 167 देश शामिल
1-10 अंकों के पैमाने के आधार पर रैंकिंग

लोकतंत्र को 4 भागों में बांटा गया
23 देश पूर्ण लोकतंत्र
52 देश त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र
35 देश मिश्रित शासन 
57 देश सत्तावादी शासन

5 पैमानों पर रैंकिंग
चुनाव प्रक्रिया और बहुलतावाद 
सरकार की कार्यशैली 
राजनीतिक भागीदारी 
राजनीतिक संस्कृति
नागरिक आज़ादी 

हामिद अंसारी अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं। लोकतंत्र में हर एक को अपनी बातों को कहने का अधिकार है। लेकिन सवाल यह है कि क्या जानकार सरकार की खिंचाई करते करते लक्ष्मण रेखा को भूल तो नहीं जा रहे हैं। हामिद अंसारी के बयान पर बीजेपी आगबबूला है। बीजेपी का कहना है कि विरोध करने के अधिकार को किसने छीना है। लेकिन क्या कुछ लोग जानबूझकर सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। 

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