- भारत-चीन सीमा स्थिति पर चर्चा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई
- बीजेपी ने राहुल गांधी को बताया 'सबसे गैर-जिम्मेदार राजनेता'
- पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में सेना के 20 जवान हुए थे शहीद
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में लद्दाख में चीन-भारत सीमा पर स्थिति पर चर्चा की जाएगी। 15-16 जून की आधी रात को लद्दाख की गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि 70 से अधिक जवान घायल हो गए थे। शहीद हुए जवानों में एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल भी थे।
विपक्ष की मांग
बैठक से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों के नेताओं से बातचीत की। बातचीत का उद्देश्य पीएम मोदी की राजनीतिक नेताओं के साथ बैठक से पहले आम सहमति बनाना है। विपक्षी खेमे के कई नेता गलवान घाटी में चीनी पीएलए सैनिकों के साथ हुई अभूतपूर्व हिंसक झड़प पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं। बैठक का समय महत्वपूर्ण है क्योंकि सभी राजनीतिक दलों, विशेषकर कांग्रेस लगातार ये मांग कर रही है कि सरकार गलवान घाटी में हुई हिंसा को लेकर बयान जारी करे।
17 दलों के नेता लेंगे हिस्सा
शाम पांच बजे होने वाली इस बैठक का आयोजन वर्चुअल तरीके से होगा जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, चंद्रबाबू नायडू, जगमोहन रेड्डी, स्टालिन, हेमंत सोरेन सहित लगभग 17 दलों के नेता भाग ले सकते हैं।
आरजेडी और आप को आमंत्रण नहीं!
बैठक से पहले आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उन्हें बैठक में शामिल होने का न्यौता नहीं मिला है। वहीं लालू प्रसाद यादव की आरजेडी को भी शामिल होने का न्यौता नहीं मिला है जिस पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'आदरणीय रक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री जी मुझे यह जानना है कि सर्वदलीय बैठक में आमंत्रण का मानदंड क्या है। क्योंकि हमारी पार्टी आरजेडी को अभी तक कोई संदेश नहीं मिला है।'
ममता ने किया स्वागत
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लद्दाख में भारत-चीन सीमा की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के फैसले का स्वागत किया और कहा कि उनकी पार्टी संकट की इस घड़ी में देश के साथ खड़ी है। ममता ने कहा ‘हम संकट की इस घड़ी में देश और हमारे सशस्त्र बलों के साथ खड़े हैं और सर्वदलीय बैठक बुलाने के फैसले का पूर्ण समर्थन करते हैं।’