नई दिल्ली: करोड़ो श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ भगवान (Kedarnath Temple) के कपाट पूरे विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में प्रातःछह बज कर 10 मिनट पर विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना के बाद खोले गये।
कपाट केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग की मौजूदगी में खोले गए, बाबा के कपाट सादगी से खुले और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया,प्रथम पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गयी।
देवस्थानम बोर्ड के 16 लोगों को ही केदारनाथ जाने की अनुमति मिली है वहीं धाम में कुछ मजदूर और पुलिस के जवान मौजूद हैं।हालांकि कोरोना संकट (Coronavirus) के चलते फिलहाल श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में जाने की अनुमति नहीं हैं।
इससे पहले मंदिर को मंगलवार को करीब 10 कुंतल फूलों से सजाया गया, जिसमें गेंदा और अन्य फूलों का इस्तेमाल किया गया। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और लॉकडाउन की वजह से फिलहाल श्रद्धालुओं को मंदिर में बाबा केदारनाथ के दर्शन की अनुमति नहीं होगी।
कोरोना वायरस और लॉकडाउन से उपजे हालात के सामान्य होने तक श्रद्धालु मंदिर में बाबा केदारनाथ के दर्शन नहीं कर सकेंगे।इससे पहले सोमवार को भीमबली पहुंचने के बाद मंगलवार को बाबा केदारनाथ की डोली केदारनाथ धाम के लिए रवाना हो गई थी।
कपाट को अप्रैल-मई में दोबारा खोला जाता है
इससे पहले, 26 अप्रैल को अक्षयतृतीया पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खोल दिए गये थे। चमोली में बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे। गढ़वाल हिमालय के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध इन मंदिरों को सर्दियों में भीषण ठंड और भारी बर्फबारी की चपेट में रहने के कारण हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिया जाता है और फिर अप्रैल-मई में दोबारा खोला जाता है।
यूं तो बाबा की डोली केदारनाथ पहुंचाने की यात्रा और कपाट खोलने का कार्यक्रम काफी धूमधाम से होता है, पर इस बार कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण यह सब संक्षिप्त में किया गया। वार्षिक पंचमुखी डोली यात्रा 27 अप्रैल को शुरू हुई, जिसमें कोरोना वायरस, लॉकडाउन के कारण सिर्फ 5 लोग ही शामिल हो पाए।
श्रद्धालु कब बाबा केदारनाथ के दर्शन कर पाएंगे, इस बारे में प्रशासन का कहना है कि इसका फैसला कोरोना संक्रमण से बचाव के बाद की परिस्थितियों पर निर्भर होगा। हालात सामान्य होने के बाद ही केदारनाथ धाम की यात्रा संचालन के बारे में फैसला लिया जाएगा।