- केदानराथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है
- 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे उंचे स्थान पर स्थित है केदारनाथ मंदिर
- केदारनाथ मंदिर का शिवलिंग त्रिकोणीय आकार का है
केदानराथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। इस मंदिर और इसके शिवलिंग को लेकर कई बातें प्रचिलत हैं जो हैरान करने वाली हैं। बाढ़ की ऐतिहासिक घटनाओं व कहानियों को समेटे हुए ये केदारनाथ मंदिर आज देशभर के श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध है। गढ़वाल हिमालय के चार धामों में से एक केदारनाथ मंदिर को जाना जाता है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे उंचे स्थान पर स्थित है केदारनाथ मंदिर। समुद्र तल से यह 3584 मीटर की उंचाई पर स्थित है।
केदारनाथ धाम (Kedarnath Temple) के कपाट बुधवार सुबह को खुले। मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए बुधवार (29 अप्रैल) को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर खोले गए। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और लॉकडाउन की वजह से फिलहाल श्रद्धालुओं को मंदिर में बाबा केदारनाथ के दर्शन की अनुमति नहीं होगी।आज हम इस मंदिर से जुड़े अनकही बातों व तथ्यों को आपके सामने रखेंगे-
- केदारनाथ मंदिर का शिवलिंग त्रिकोणीय आकार का है। इसलिए यह सभी शिवलिंग मंदिरों में अपने आप को सबसे अलग स्थान पर रखता है। यह शिवलिंग मंदिर के गर्भ गृह में स्थित है। केदारनाथ मंदिर में भगवान पार्वती, भगवान कृष्ण, पांचों पांडव और उनकी पत्नी द्रौपदी, नंदी, वीर भद्र और अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां हैं।
- जब केदारनाथ मंदिर जाड़ों में 6 महीनों के लिए बंद हो जाता है यहां की मूर्तियों को उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में स्थापित कर दिया जाता है और ठंड के 6 महीने तक यहीं पर श्रद्धालु पूजा करते हैं।
- केदारनाथ मंदिर में मंत्र का उच्चारण कन्नड़ भाषा में किया जाता है। केदारनाथ मंदिर का मैनेजमेंट केदारनाथ टेंपल कमीशन के द्वारा किया जाता है जो श्री केदारनाथ मंदिर एक्ट ऑफ द उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत आता है।
- केदारनाथ में अप्रत्याशित मौसम का आलम ये है कि इसी वजह से यहां पर किसी को भी इतनी आसानी से प्रवेश नहीं मिलता है। साल 2013 का बाढ़ इस बात का गवाह है। 2013 में आई भीषण बाढ़ ने मंदिर कॉम्प्लेक्स में आई भीषण बाढ़ ने हजारों लोगों की जानें ले ली थी।
- केदारनाथ मंदिर की उंचाई 85 फीट है, लंबाई 187 फीट जबकि चौड़ाई 80 फीट है। केदारनाथ मंदिर की दीवारें 12 फीट मोटी है और ये बेहद मजबूत पत्थरों से बनाई गई है।
- ऐसा माना जाता है कि केदारनाथ में भगवान शिव की प्रतिमा खंडित हो गई है। मान्यताओं के मुताबिक यहां पर स्थित भगवान शिव की प्रतिमा के धड़ के ऊपर का हिस्सा यानि सिर नेपाल के भक्तपुर में डोलेश्वर महादेव मंदिर में स्थित है।
- पत्थरों को कुछ इस तकनीक से एक दूसरे के साथ जोड़ा गया है कि तकनीशियन भी इसकी कलाकारी को लेकर हैरान रहते हैं। यही कारण है कि ये मंदिर इतनी मजबूती के साथ नदी के बीचोंबीच खड़ा है। इसकी दीवारें मोटे पत्थरों से ढंकी गई है जबकि इसकी छत एक ही पत्थर की बनी है।
- केदारनाथ मंदिर पूरे 400 सालों तक बर्फ के अंदर दबा पड़ा था इसके बाद वे लोगों के सामने आया।
- धार्मिक शोधकर्ताओं का मानना है कि इस मंदिर को कभी कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता चाहें कितनी भी बड़ी आपदा क्यों ना आ जाए क्योंकि ये स्वयं देवताओं की सुरक्षादृष्टि में हैं।
- केदारनाथ मंदिर राजा परीक्षित के द्वारा बनवाया गया था। वह राजा जनमेजय के पिता थे। राजा परीक्षित की मौत सांपों के काटने से हुई थी। बता दें कि महाभारत के अनुसार परीक्षित अर्जुन के पौत्र, अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र तथा जनमेजय के पिता थे।