नई दिल्ली: प्रशांत किशोर उर्फ पीके का नाम इन दिनों जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से निकाले जाने को लेकर चर्चा में है। उनके पार्टी से निष्कासन के पीछे कारणों को लेकर अलग-अलग तरह की अटकलें लग रही हैं। इनमें से एक यह थी कि जेडीयू के अंदर कई पार्टी नेता पीके के बढ़ते कद से असहज थे और इसी वजह से उन्हें निष्कासित किया गया। इस कड़ी में अब ऐसे दो नेताओं के नाम भी सामने आए हैं जिनका हाथ प्रशांत किशोर का पार्टी से बाहर जाने के पीछे माना जा रहा है।
ये दो नाम हैं- आरसीपी सिंह और ललन सिंह। दरअसल जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के उत्तराधिकार की लड़ाई के तहत पीके को निकाले जाने का कदम सामने आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार आगामी विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार पार्टी में अपनी भूमिका को सीमित करने की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं और पार्टी में नेतृत्व की दूसरी परत तैयार करना चाहते हैं। इसमें ललन सिंह, आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर अहम नाम थे। कहा जाता है कि ललन सिंह और आरसीपी सिंह एक दूसरे के विरोधी लेकिन प्रशांत किशोर के बढ़ते कद से असहज होकर दोनों ने हाथ मिला लिया और उनका पीके के निष्कासन में अहम योगदान माना जा रहा है।
ऐसा भी खबरें सामने आ चुकी हैं कि केंद्र सरकार बनाने के लिए जब बीजेपी ने जेडीयू को एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री का पद देने का प्रस्ताव रखा तो इन पदों के लिए ललन सिंह और आरसीपी सिंह के ही नाम सामने आए थे, अमित शाह की भी इन नामों पर सहमति थी लेकिन प्रशांत किशोर ने नीतिश कुमार से इस पर पार्टी में नाराजगी बढ़ने की बात कही और इसके बाद कोई भी मंत्री नहीं बन सका। इसके बाद से ही दोनों नेताओं में पीके के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही थी।
वजहें कई और भी-
इसके अलावा भी पार्टी के पीके के निकाले जाने के कई कारण सामने आए। इनमें से एक यह भी था कि लगातार वह जेडीयू को बीजेपी की छ्त्र छाया से निकलने पर दबाव बना रहे थे। झारखंड में पार्टी को अलग लड़ाने का उनका कदम गलत साबित हुआ और साथ ही तीन तलाक- सीएए जैसे मामलों पर मतभेदों की खबरें भी सामने आई थीं। प्रशांत किशोर के जेडीयू से निकाले जाने की वजहों पर आप नीचे दिया लेख भी पढ़ सकते हैं।