- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी अंचिता को गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई
- PM मोदी ने CWG में भारोत्तोलन स्पर्धा में अचिंता शेउली के स्वर्ण पदक जीतने पर खुशी जताई
- अंचिता ने इस विशेष उपलब्धि के लिए बहुत कड़ी मेहनत की- पीएम मोदी
Achinta Sheuli Win Gold Medal: राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की स्वर्णिम सफलता का दौर जारी है। अचिंता शेउली ने भारोत्तोलन स्पर्धा में भारत का स्वर्णिम अभियान जारी रखते हुए पुरूषों के 73 किलो वर्ग में नया रिकॉर्ड बनाते हुए भारत को तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया। अचिंता की सफलता पर पूरे देश से उन्हें बधाई मिल रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अचिंता को बधाई दी है। पश्चिम बंगाल के रहने वाले अचिंता एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
राष्ट्रपति ने दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट करते हुए कहा, 'अंचिता शुली ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतकर और तिरंगा फहराकर भारत को गौरवान्वित किया है। आपने तुरंत एक प्रयास में विफलता पर काबू पा लिया और लाइनअप में शीर्ष पर पहुंच गए। आप वो चैंपियन हैं जिसने इतिहास रचा है। हार्दिक बधाई!'
Achinta Sheuli: 12 साल की उम्र में किया सिलाई-कढ़ाई का काम, अब गोल्ड जीतकर बढ़ाया देश का मान
पीएम का ट्वीट
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'खुशी है कि प्रतिभाशाली अचिंता शुली ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता है। वह अपने शांत स्वभाव और तप के लिए जाने जाते हैं। इस खास उपलब्धि के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है। भविष्य के प्रयासों के लिए उनको मेरी शुभकामनाएं।' अंचिता के साथ बातचीत का अपना एक वीडियो साझा करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, 'राष्ट्रमंडल खेलों के लिए हमारे दल के रवाना होने से पहले, मैंने अचिंता शुली के साथ बातचीत की थी। हमने उनकी मां और भाई से मिले समर्थन पर चर्चा की थी। मैं यह भी आशा करता हूं कि अब उन्हें एक फिल्म देखने का समय मिलेगा जब उन्होंने एक पदक जीत लिया है।'
बनाया रिकॉर्ड
पश्चिम बंगाल के 21 वर्ष के शेउली ने स्नैच में 143 किलो वजन उठाया जो राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड हैं । उन्होंने क्लीन एवं जर्क में 170 किलो समेत कुल 313 किलो वजन उठाकर राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड अपने नाम किया। पिछले साल जूनियर विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले शेउली ने दोनों सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट तीसरे प्रयास में किये। उन्होंने कहा यह मेरी जिंदगी में पहली बड़ी प्रतियोगिता थी और मैं इस मुकाम पर पहुंचने के लिये इन सभी का आभार व्यक्त करता हूं। यह पदक मुझे जिंदगी के हर पहलू में मदद करेगा। अब यहां से पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।
ये भी पढ़ें: Commonwealth Games 2022: वेटलिफ्टिंग मे अचिंत शिउली ने भारत को दिलाया तीसरा गोल्ड