- राष्ट्रपति कोविंद ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ रामलला के दर्शन किए
- राष्ट्रपति ने हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की
- राष्ट्रपति ने दर्शन से पहले रामायण कॉन्क्लेव का शुभारंभ भी किया
अयोध्या: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने अपने परिवार के साथ रविवार को अयोध्या (Ayodhya) श्री राम जन्मभूमि परिसर में रामलला (Ramlala) के दर्शन किए। पुजारियों के मंत्रोच्चार के जाप के बीच उन्होंने पूजा-अर्चना और आरती भी की, पूजा के बाद राष्ट्रपति के माथे पर तिलक लगाया गया। मंदिर के पुजारी ने राष्ट्रपति को एक शॉल भेंट की और राष्ट्रपति ने उनसे संक्षिप्त बातचीत की इसके बाद उन्होंने एक पौधा लगाया, कोविंद को राम मंदिर की एक लघु प्रतिकृति भी भेंट की गई।
राष्ट्रपति ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ हनुमानगढ़ी मंदिर का दौरा भी किया और पूजा-अर्चना की। हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद राष्ट्रपति को गुलाबी रंग की पगड़ी भेंट की गई। इस अवसर पर उनके साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने राम मंदिर का निर्माण कार्य भी देखा
राष्ट्रपति परिवार के साथ रामलला का दर्शन करने पहुंचे उन्होंने यहां रामलला की आरती की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी की रामलला की आरती की। मुख्य पुजारी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कराया। राष्ट्रपति ने परिसर में ही रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया, इसके साथ ही राम मंदिर का निर्माण कार्य देखा।
"भगवान श्रीराम हर किसी में हैं और सभी के हैं"
राष्ट्रपति ने दर्शन से पहले रामायण कॉन्क्लेव का शुभारंभ भी किया, कॉन्क्लेव के शुभारंभ समारोह में लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने गीतों की शानदार प्रस्तुति दी, कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों ने जय श्री राम का जय घोष किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि राम सबके हैं और राम सब में हैं उन्होंने कहा कि सिया राममय सब जग जानी, करउ प्रणाम जोर जुग पानी। इसका मतलब है कि संपूर्ण जगत के कण-कण में श्रीराम विद्यमान हैं हमें हर किसी में सियाराम की प्रतिमूर्ति देखनी चाहिए 'भगवान श्रीराम हर किसी में हैं और सभी के हैं'।
लोग अपने घरों की छतों पर राष्ट्रपति की झलक पाने के लिए खड़े देखे गए
उन्होंने कहा कि अयोध्या मानव सेवा का उत्कृष्ट केंद्र बने, शिक्षा और शोध का भी वैश्विक केंद्र बनाया जाए, उन्होंने कहा कि रामकथा के आदर्श का प्रचार प्रसार हो समस्त मानवता एक ईश्वर की संतान है। शहर में लोग अपने घरों की छतों पर राष्ट्रपति की झलक पाने के लिए खड़े देखे गए।