राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष साझा उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहा है। एनसीपी के संरक्षक शरद पवार ने जब ना कर दिया तो इस मुहिम में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहीं पश्चिम बंगाल की सीएम की तरफ से पहले शरद से दो नाम सुझाए गए थे। पहला नाम फारुक अब्दुल्ला और दूसरा गोपाल कृष्ण गांधी का था। हालांकि इन दोनों लोगों ने भी अलग अलग वजहों से अपने नाम वापस ले लिए। अब उनकी तरफ से यशवंत सिन्हा का नाम सुझाने की तैयारी है।
यशवंत सिन्हा के नाम पर विचार
कहा जा रहा है कि गोपालकृष्ण और नेशनल कांफ्रेंस संरक्षक फारूक अब्दुल्ला के बाहर होने के बाद टीएमसी अब अपने उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा के नाम पर संभावित उम्मीदवार के रूप में विचार कर रही है। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी कल की बैठक में शामिल नहीं होंगी और उन्होंने भतीजे अभिषेक को उपस्थित रहने के लिए नामित किया है। हालांकि सिन्हा ने एक न्यूज पेपर से बात करते हुए बताया कि इस मुद्दे पर अब तक किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रस्ताव आने पर वो विचार करेंगे तो इस सवाल के जवाब में एनडीए के पूर्व मंत्री जिन्होंने 2018 में भाजपा छोड़ दी, ने कहा कि कराजनीति में एक महत्वपूर्ण सबक यही है कि कभी भी एक काल्पनिक प्रश्न का उत्तर नहीं देना है।
गोपाल कृष्ण गांधी ने भी ठुकराया
गोपालकृष्ण ने सोमवार को अपना नाम वापस लेते हुए कहा कि राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद के लिए आगामी चुनावों में विपक्ष की उम्मीदवारी के लिए विपक्ष के कई सम्मानित नेताओं ने मेरे बारे में सोचने का सम्मान किया है। मैं उनका अत्यंत आभारी हूँ। लेकिन इस मामले पर गहराई से विचार करने के बाद, मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो विपक्षी एकता के अलावा राष्ट्रीय आम सहमति और राष्ट्रीय माहौल पैदा करे। मुझे लगता है कि और भी लोग होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर ऐसा करेंगे।