- हाथरस केस में यूपी सरकार ने एसपी समेत कई पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया
- एसआईटी जांच में प्रारंभिक रिपोर्ट पर यूपी सरकार ने की कार्रवाई
- निलंबित पुलिस अधिकारियों का नार्को टेस्ट भी होगा।
नई दिल्ली। क्या हाथरस केस के मर्म को योगी आदित्यनाथ सरकार नहीं समझ पा रही है या सरकार से एक के बाद कई गलतियां हो रही हैं। फिलहाल इस मामले में हाथरस के एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित किए जाने के साथ ही नार्को पॉलीग्राफी टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसे एक तरह से योगी सरकार द्वारा डैमेज कंट्रोल की कवायद बताई जा रही है। लेकिन पहले से ही हमलावर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने निशाना साधा है।
प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ से मांगा इस्तीफा
प्रियंका गांधी ने ट्वीट के जरिए न केवल योगी सरकार पर निशाना साधा बल्कि उनसे इस्तीफा भी मांगा। उन्होंवे कहा कि योगी जी कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा? हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके ऑर्डर पर दिया गया? हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकार्ड्स पब्लिक किए जाएँ। मुख्यमंत्रीज अपनी जिम्मेदारी से हटने की कोशिश न करें। देश देख रहा है योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो।
क्या यही रामराज है?
हाथरस कांड के मुद्दे पर प्रियंका गांधी ने दिल्ली स्थित वाल्मीकि मंदिर में पूजा अर्चना की और हर एक शख्स से अपील करते हुए कहा कि इस लड़ाई में सबको एक साथ चलने की जरूरत है। हाथरस की बेटी के साथ जिस तरह से बर्बर व्यवहार हुआ और उसके बाद प्रशासन ने पीड़ित परिवार का अंतिम क्रियाकर्म नहीं करने दिया वो प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता की परिचायक है। सवाल वाजिब है कि यूपी सरकार रामराज कहां है, एक तरफ बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद किया जाता है तो दूसरी तरफ बेटियों के साथ यूपी की मौजूदा सरकार में इस तरह का सलूक किया जाता है कि एक मां को अंतिम बार अपनी बेटी का चेहरे देखने का मौका नहीं दिया जाता है।