- मकसद- ई-वाहन को प्रोत्साहित कर कार्बन उत्सर्जन सीमित करना और प्रदषण कम करना
- राज्य में निजी, सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट अवसंरचना स्थापित होगी
- नीति में राज्य में इलेक्ट्रिक कार चुनने वालों को नकद प्रोत्साहन देने का भी प्रस्ताव- सीएम
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को इलेक्ट्रिक वाहन नीति के मसौदे को मंजूरी दे दी, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स में छूट देने के साथ-साथ नकद प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव किया गया है। चंडीगढ़ में जारी अधिकारिक बयान में मान ने कहा कि मसौदा नीति का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहित कर कार्बन उत्सर्जन सीमित करना और प्रदषण कम करना है।
बयान के मुताबिक मसौदा नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहन राज्य के अहम शहरों जैसे लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और पाटियाला में प्रोत्साहित किया जाएगा। बयान में कहा गया कि राज्य में मौजूद वाहनों में 50 प्रतिशत इन्हीं शहरों में हैं। मान ने कहा कि मसौदा नीति में इन शहरों में 25 प्रतिशत अधिक इलेक्ट्रिक कार पंजीकृत होने की संभावना जताई गई है।
उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में निजी और सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट अवसंरचना स्थापित की जाएगी। मान ने कहा कि सरकार राज्य को इलेक्ट्रिक वाहनों, उनके पुर्जों और इलेक्ट्रिक बैटरी के विनिर्माण के केंद्र के तौर पर स्थापित करने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के लिए आधुनिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मसौदा नीति में राज्य में इलेक्ट्रिक कार चुनने वालों को नकद प्रोत्साहन देने का भी प्रस्ताव है। मान ने कहा कि इन इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स भी माफ करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती एक लाख इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों को 10 हजार रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन मिलेगा जबकि शुरुआती 10 हजार इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा या ई-रिक्शा खरीदारों को 30 हजार रुपये तक की छूट दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि शुरुआती पांच हजार ई-ठेला खरीदारों को 30 हजार रुपये तक और शुरुआती पांच हजार हल्के वाणिज्यिक वाहन खरीदारों को 30 से 50 हजार रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति को अंतिम रूप देने से पहले लोगों की राय ली जाएगी।