- राजस्थान के करौली में पुजारी की जिंदा जलाकर की गई हत्या से बढ़ा आक्रोश
- परिजनों ने मांग नहीं मानने तक शव का अंतिम संस्कार करने से किया इंकार
- स्थानीय लोग मृतक पुजारी के घर पर जुटकर सरकार के खिलाफ जता रहे हैं नाराजगी
करौली: राजस्थान के करौली में जलाकर मार दिए गए पुजारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब मारे गए परिजनों ने अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया है। पूरे गांव में मातम का माहौल है। मीणा बहुल इस गांव में स्थित इस मंदिर में पुजारी बाबूलाल वैष्णव एक झोपड़ी बनाकर रहते थे। बाबूलाल की 6 बेटियां है। बाबूलाल के परिजनों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। बाबूलाल की मौत के इतने समय बीत जाने के बाद भी अभी तक स्थानीय सांसद के अलावा कोई नेता यहां नहीं पहुंचा है।
परिवार की मांग
पुजारी के परिजनों ने सरकार से 50 लाख रुपये की मांग और एक सरकारी नौकरी की मांग की है। बीजेपी इस घटना के बाद से ही सरकार पर लगातार हमले कर रही है। बीजेपी का कहना है कि हाथरस में या यूपी में कोई घटना होती है तो प्रियंका गांधी और राहुल गांधी तुंरत ट्वीट करते हैं यहां वहां जाते हैं लेकिन राजस्थान के बांका हो या करौली में पुजारी की हत्या, उनके लिए वह आना तो दूर ट्वीट तक नहीं करते हैं।
पांच आरोपी अभी भी फरार
पुलिस कह रही है कि यह आत्महत्या का मामला है और बाबूलाल ने खुद को आग लगाई है। इस मामले में 6 आरोपी हैं जिनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि पांच आरोपी अभी भी फरार हैं। पुलिस के अनुसार घटना करौली जिले में सापोटरा के बूकना गांव की है। वहां बुधवार को एक मंदिर के पुजारी बाबू लाल वैष्णव पर पांच लोगों ने हमला किया। आरोप है कि मंदिर के पास की खेती जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे इन लोगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। घायल पुजारी को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें बृहस्पतिवार को जयपुर भेजा गया वहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
गहलोत का ट्वीट
इस घटना पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। गहलोत ने ट्वीट किया, 'यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है,सभ्य समाज में ऐसे कृत्य का कोई स्थान नहीं है। प्रदेश सरकार इस दुखद समय में शोकाकुल परिजनों के साथ है। घटना के प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है व कार्रवाई जारी है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।'