- राजस्थान में आज से कई धार्मिक स्थलों को खोला गया है
- कोरोना संक्रमण के कारण ये पिछले करीब 6 महीने से बंद थे
- हलांकि कई धार्मिक स्थल अब भी तैयारियों के अभाव में बंद ही हैं
जयपुर : कोरोना संक्रमण के कारण बंद धार्मिक स्थलों को चरणबद्ध तरीके से अब खोला जा रहा है। राजस्थान में भी करीब छह महीने से बंद धार्मिक स्थलों को आज (सोमवार, 7 सितंबर) खोला गया है। हालांकि बड़ी संख्य में ऐसे धार्मिक स्थल भी हैं, जहां प्रबंधकों ने प्रतिदिन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए इन्हें खोलने में असमर्थता जाहिर की है।
अनलॉक की प्रक्रिया के तहत जिन धार्मिक स्थलों को खोला गया है, वहां काफी बदलाव किए गए हैं। मंदिरों में दर्शन से लेकर पूजा-अर्चना के तरीके तक में बदलाव किया गया है। मास्क पहनना जहां अनिवार्य किया गया है, वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर भी जोर दिया जा रहा है। लगभग सभी धार्मिक स्थलों पर थर्मल स्क्रीनिंग और श्रद्धालुओं के हाथ धोने की व्यवस्था भी की गई है। लोग एक ही जगह एकत्र न हों, इके लिए मंदिर परिसर में गोले बनाए गए हैं, ताकि वे उसमें रहते हुए मंदिर में प्रवेश के लिए अपनी बारी का इंतजार कर सकें।
कई धार्मिक स्थल खुले, कई बंद
राज्य में जिन मंदिरों को आज से खोला गया है, उनमें बांसवाड़ा स्थित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, भरतपुर स्थित हनुमान मंदिर, करौली स्थित कैलादेवी और मदनमोहन मंदिर भी शामिल है। अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को भी खोला गया है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां रविवार को पूरे परिसर को सैनिटाइज किया गया है और दो गज की दूरी बनाए रखने के लिए गोले बनाए गए हैं। डूंगरपुर स्थित गलियाकोट दरगाह को भी आज से खोला गया है।
वहीं, जयपुर के गोविंद देव मंदिर, मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, राजसमंद स्थित नाथद्वारा मंदिर, सीकर के खाटूश्याम मंदिर, बीकानेर के करणीमाता मंदिर, चूरू स्थिल सालासर बालाजी मंदिर को फिलहाल श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला गया है। इनमें से कई मंदिरों को 15 सितंबर और 30 सितंबर को खोले जाने की संभावना है।