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अपना गढ़ तक नहीं बचा सके राकेश टिकैत, मुजफ्फरनगर जिला पंचायत चुनाव में BJP का परचम

Updated Jul 04, 2021 | 08:20 IST

उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शानदार सफलता मिली है। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत अपना गढ़ मुजफ्फरनगर भी नहीं बचा पाए।

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जिला पंचायत चुनाव: अपना गढ़ तक नहीं बचा सके राकेश टिकैत
मुख्य बातें
  • जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अपना ज़िला तक नहीं बचा पाए राकेश टिकैत
  • मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी ने शानदार तरीके से हासिल की जीत
  • टिकैत के उम्मीदवार को मिले महज 4 वोट

मुजफ्फरनगर : शनिवार को उत्तर प्रदेश जिला पंचायत चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो बीजेपी की बांछे खिल उठीं।  प्रदेश की 75 में से बीजेपी को 67 सीटें मिलीं वहीं विपक्ष का सूपड़ा साप हो गया। सबकी नजर थी मुजफ्फरनगर जिला पंचायत की सीट पर जो किसान नेता राकेश टिकैतऔर नरेश टिकैत का गढ़ माना जाता है। दोनों ही पिछले साल से देशभर में किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। गौर करने वाली बात ये है कि जिला पंचायत अध्‍यक्ष पद के चुनाव में मुजफ्फरनगर में 10 मुस्लिम जिला पंचायत सदस्यों ने बीजेपी को वोट किया।

टिकैत की BKU उम्मीदवार की जमानत जब्त
इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार डॉ. वीरपाल निर्वाल का मुकाबला करने के लिए टिकैत की भारतीय किसान यूनियन ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के भाई सतेंद्र बालियान को अपना उम्मीदवार बनाया था और पूरे विपक्ष ने भाकियू को समर्थन दिया था। टिकैत बंधुओं को उम्मीद थी कि वो अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लेंगे। लेकिन जब परिणाम घोषित हुए तो हर कोई भाकियू उम्मीदवार की हार पर हैरान नहीं था बल्कि उन्हें मिले केवल 4 वोटों को लेकर हैरान था। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे टिकैत बंधु अपना घर औऱ चुनाव प्रबंधन तक नहीं संभाल पाए। 

भाजपा का प्रबंधन रहा शानदार
बीजेपी ने अध्यक्ष पद के लिए ऐसी गोटी बैठाई कि विपक्ष चारों खाने चित्त हो गया। बीजेपी जिला पंचायत की 43 सीटों में से केवल 13 सीटें ही जीत पाई थी लेकिन अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी का प्रबंधन ऐसा रहा कि 30 सदस्यों ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया जिसमें 10 मुस्लिम सदस्य शामिल हैं। वहीं विपक्ष के सतेंद्र बालियान महज 4 वोट जुटा सके।

संजीव बालियान के लिए था लिटमस टेस्ट
मुजफ्फरनगर जिला पंचायत का चुनाव केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था। दरअसल जब विपक्ष ने उनके भाई सतेंद्र बालियान को उम्मीदवार बनाया तो उनके लिए चुनौती बढ़ गई। बालियान के लिए एक तरफ पार्टी थी जिसकी बदौलत आज वो केंद्रीय मंत्री हैं दूसरी तरफ भाई का फर्ज। लेकिन संजीव बालियान ने संगठन का साथ दिया। 

क्‍या बोले मुजफ्फरनगर के बीजेपी प्रभारी
बीजेपी यूपी के प्रदेश मंत्री और मुजफ्फरनगर जिले के प्रभारी डॉ. चंद्रमोहन का कहना है कि किसान नेताओं ने अपने झूठे दावों से जनता को बरगलाने का काम किया था लेकिन आज जनता जागरुक है और उसने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व वाली बीजेपी की सरकार में विश्‍वास दिखाया है। मुजफ्फरनगर में बीजेपी ने लोकदल के जिलाध्‍यक्ष को जिला पंचायत का चुनाव हराया था और अब अध्‍यक्ष के चुनाव में भी औपचारिकता रह गई थी। बीजेपी के प्रत्‍याशी की जीत सुनिश्चित थी। केवल जिला पंचायत में ही नहीं आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा के पक्ष में मतदान करेगी और दोबारा योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व में सरकार बनाने का काम करेगी।

मुजफ्फरनगर में मिली जीत पर बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'राकेश टिकैत के गृह जनपद मुजफ्फरनगर में भी बीजेपी का जिला पंचायत अध्यक्ष चुना गया। आंदोलनजीवियों को अब घर चले जाना चाहिए।' 

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