नई दिल्ली : राम मंदिर न्यास के सदस्यों ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। ट्रस्ट के सदस्यों ने इसके अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की और उन्हें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने पर आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार को ही नई दिल्ली में संपन्न हुई थी, जिसमें महंत नृत्य गोपाल दास को इसका अध्यक्ष चुना गया और अन्य पदाधिकारियों का भी चयन हुआ।
'हमने पीएम को दिया न्यौता'
बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि जल्द ही ट्रस्ट की अगली बैठक अयोध्या में होगी, जिसमें राम मंदिर निर्माण कब से शुरू किया जाए, इसकी तारीख पर चर्चा की जाएगी और इसके बारे में फैसला लिया जाएगा। यह बैठक अगले 15 दिनों के भीतर हो सकती है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष चुने गए महंत नृत्य गोपाल ने भी कहा कि मंदिर निर्माण का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। अब गुरुवार को पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, 'हमने प्रधानमंत्री को अयोध्या आने का न्यौता दिया है।'
चंपत राय, गोविंद देव भी पीएम मोदी से मिले
ट्रस्ट की बुधवार को हुई पहली बैठक में शामिल हुए सदस्यों ने इसे 'सैकड़ों वर्षों की ऐतिहासिक भूलों का सुधार' बताया और कहा कि भारत का एक नया इतिहास लिखा गया है। इस बैठक विश्व हिंदू परिषद के चंपत राय को ट्रस्ट का महासचिव चुना गया, जबकि स्वामी गोविंद देव गिरी को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। पीएम मोदी से हुई मुलाकात के दौरान ट्रस्ट के अन्य सदस्यों के साथ चंपत राय और स्वामी गोविंद देव गिरी भी मौजूद थे। ट्रस्ट की पहली बैठक में कोषाध्यक्ष चुने गए गोविंद गिरी को बुधवार को प्रसन्ना तीर्थ के पेजावर स्वामी ने 5 लाख रुपये का पहला चेक भी प्रदान किया था।
पीएम के सहयोगी को दी गई अहम जिम्मेदारी
ट्रस्ट की पहली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रह चुके वरिष्ठ नौकरशाह नृपेंद्र मिश्र को भी अहम जिम्मेदारी दी गई। उन्हें भवन निर्माण समिति का अध्यक्ष बनाया गया। उन्हें अब भी पीएम मोदी के करीबी सहयोगी के तौर पर देखा जाता है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस में सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर, 2019 के ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 15 सदस्यीय ट्रस्ट का गठन किया था। पीएम मोदी ने ट्रस्ट के गठन की घोषणा लोकसभा में की थी।