- पंजाब के बाद क्या अपने फॉर्मूले में फंसती है कांग्रेस?
- छत्तीसगढ़ के सियासी संकट पर भूपेश बघेल का बड़ा बयान- छत्तीसगढ़ कभी पंजाब नहीं बन सकता
- कांग्रेस में सब परेशान, क्या कर रहा हाईकमान?
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी कलह (Crisis in Congress) की पार्टी बन गई है। अभी पंजाब में कांग्रेस की कलह थमी नहीं थी कि अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में गुटबाजी मुखर हो गई है। छत्तीसगढ़ में सीएम पद को लेकर खींचतान बढ़ती ही जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। भूपेश बघेल सीएम पद नहीं छोड़ना चाह रहे हैं जबकि टीएस सिंह देव सरकार बनाने से पहले बने ढाई-ढाई साल वाले फॉर्मूले को लागू करने की बात कर रहे हैं। पहले बताते हैं आपको विवाद की वजह क्या है-
- ढाई-ढाई साल के सीएम पर विवाद, बघेल और सिंहदेव की नाम पर मुहर लगी थी।
- जून में बघेल के ढाई साल पूरे हुए, कार्यकाल पूरा होने पर सिंहदेव गुट मुखर हुआ।
- बघेल और सिंहदेव ने दिल्ली में हाजिरी लगाई,राहुल-प्रियंका से दोनों ने मुलाकात की थी।
- हाईकमान के सामने बघेल समर्थक विधायकों का शक्ति प्रदर्शन,35 से ज्यादा विधायक दिल्ली में मौजूद
पंजाब में सुलझा नहीं मामला
.इससे पहले अभी पंजाब में कांग्रेस में जो कुछ हुआ सबने देखा। कैप्टन को सीएम पद से हटाने के बाद चन्नी को सीएम तो बना दिया गया, लेकिन सिद्धू नाराज हो गए और अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। जाब में कलह जारी है और अब भी हालात सुधरे नहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ अब छत्तीसगढ़ में कलह की शुरुआत हो चुकी है। या यूं कहूं कि पंजाब की राह पर अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस है। राजस्थान में भी गहलोत औऱ सचिन पायलट के बीच ठीकठाक नहीं चल रहा है। ऐसे में हाईकमान को समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाय। उधर बीजेपी कांग्रेस पर हमला कर रही है।
बघेल को बड़ी जिम्मेदारी
दिल्ली जा रहे एक कांग्रेस विधायक ने कहा, 'अपने निजी काम से जा रहे हैं। हम लोग थोड़ा घुम फिरकर आएंगे। समर्थन वाली बात नहीं, चुनाव हो रहा है क्या ?अपने निजी काम से जा रहे हैं और एक साथ कई विधायकों का दिल्ली आना एक इत्तेफाक है।' इस सारे विवाद के बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस आलाकमान ने बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। भूपेश बघेल को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए यूपी का पर्यवेक्षक चुना गया है।