नई दिल्ली : देश 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है, जब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद परेड की सलामी लेंगे और तिरंगा फहराएंगे। गणतंत्र दिवस समारोह भारत की सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक और आर्थिक प्रगति के साथ-साथ भारत की सैन्य ताकत को भी दुनिया के समक्ष रखता है। इसमें रंग-बिरंगी झांकियां विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक पहचान को देश के समक्ष रखती हैं तो अनेकता में एकता का संदेश भी देती हैं। इसमें सैन्य परेड भी आकर्षण का मुख्य केंद्र होता है, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की भागीदारी भी होती है।
इस बार सीआरपीएफ की परेड खास अंदाज में सामने आएगी, जिसमें नाइज विजन गॉगल्स दर्शकों को एक अलग रोमांच देंगे। अमेरिका की नेवी सील्स ने मई 2011 में अलकायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में इसी तरह के गॉगल्स का इस्तेमाल किया था। अमेरिका की नेवी सील्स ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में पकड़ा था और उसे मार गिराया था। तब जिस तरह के 'चार दृष्टि वाले नाइट गॉगल्स' का इस्तेमाल अमेरिकी बलों ने किया था, उसी तरह के नाइट विजन गॉगल्स का इस्तेमाल सीआरएफ द्वारा आतंकवाद और नक्सल विरोधी अभियान में किया जाता है।
पहली बार युद्धक गैजेट का प्रदर्शन
CRPF सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार होगा जब भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल युद्धक गैजेट का प्रदर्शन करेगा। इस खास तरह के चश्मे को 'किंग ऑफ नाइट विजन' भी कहा जाता है। माना जा रहा है कि यह राजपथ पर प्रदर्शित होने वाली सीआरपीएफ कमांडो की पहली झांकी में आकर्षण का केंद्र होगा। खास तरह के ये चश्मे रात के समय कमांडोज को 120 डिग्री की दृष्टि प्रदान करते हैं। इससे दिखने वाला नजारा कुछ वैसा ही होता है, जैसा कि खुली आंखों से दिखता है। ये हल्के होते हैं और रात में ऑपरेशन के वक्त इसे हेलमेट के ऊपर पहना जा सकता है।
सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'चार-दृष्टि वाले नाइट गॉगल्स का इस्तेमाल अमेरिकी नेवी सील्स सहित विभिन्न सैन्य बलों द्वारा किया जाता है। ये चश्मे कमांडोज को रात के अंधेरे में भी लक्ष्य का पता लगाने में मदद देते हैं। राजपथ पर प्रदर्शन के दौरान सीआरपीएफ के कमांडो पहली बार इसे पहनेंगे।' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह ठीक वही गॉगल्स नहीं हैं, जिसका इस्तेमाल अमेरिकी नेवी सील्स ने ओसामा बिन लादेन के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान किया था, बल्कि ये उसी तरह की विशेषताओं वाले अलग नाइट विजन गॉगल्स हैं।
अमेरिकी नेवी सील्स के पूर्व मुख्य विशेष युद्ध संचालक मैट बिस्सोनेट ने अपनी पुस्तक 'नो ईजी डे' में काले चश्मे से दिखने वाले नजारे को 'टॉयलेट पेपर के ट्यूब से दिखने जैसा' बताया है। गणतंत्र दिवस परेड के दौरान सीआरपीएफ के जवान जहां विशेष नाइट विजन गॉगल्स पहने नजर आएंगे, वहीं इसमें गनशॉट डिटेक्शन सिस्टम और वेपन माउंटर थर्मल साइट जैसे कई अन्य उपकरणों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। निश्चत रूप से यह सब दर्शकों को इस बार एक अलग तरह का रोमांच देने वाला होगा।