रांची : बिहार में बीजेपी विधायक ललन पासवान को लालच देने के लिए कथित तौर पर फोन करने का मामला सामने आने के बाद चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को रांची में रिम्स के निदेशक के बंगले से अस्पताल के पेइंग वार्ड में वापस स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं बीजेपी विधायक ने आरजेडी प्रमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है और पटना में पुलिस को कथित ऑडियो टेप का ट्रांसक्रिप्ट सौंपा।
रिम्स के अतिरिक्त निदेशक एवं झारखंड के संयुक्त स्वास्थ्य सचिव डा. वाघमारे कृष्ण प्रसाद के मुताबिक, लालू प्रसाद को गुरुवार को रिम्स निदेशक के 'केली' बंगले से पेइंग वार्ड के कमरा नंबर ए-11 में वापस स्थानांतरित कर दिया गया। लालू प्रसाद को अगस्त के प्रथम सप्ताह में रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित किया गया था। रिम्स प्रशासन ने उस समय कहा था कि रिम्स के पेइंग वार्ड में संक्रमण के खतरे को देखते हुए ही उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से निदेशक के बंगले में स्थानांतरित किया गया था। वाघमारे ने बताया कि रिम्स प्रशासन ने पेइंग वार्ड में लालू के इलाज के लिए उचित व्यवस्था को देखते हुए उन्हें वापस वहां भेजने का निर्णय लिया।
बीजेपी विधायक ने सौंपा ट्रांसक्रिप्ट
इस बीच, बीजेपी विधायक ललन पासवान ने इस मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और पटना के निगरानी पुलिस स्टेशन एसएचओ को कथित ऑडियो का ट्रांसक्रिप्ट सौंप दिया। उन्होंने कहा, 'हमारे साथ उनकी फोन पर हुई बातचीत के आधार पर, हमने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लालू प्रसाद के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करने का फैसला किया। उन्होंने मुझे लुभाने की कोशिश की और मुझे बिहार विधानसभा से अनुपस्थित रहने को कहा। इसी तरह से ये लोग लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।'
वहीं, रांची स्थित बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक हामिद अख्तर ने बताया कि लालू प्रसाद को रिम्स निदेशक के केली बंगले से स्थानांतरित करने वह स्वयं रिम्स पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि जब वह केली बंगले पहुंचे, तो लालू प्रसाद सो रहे थे, लिहाजा उन्हें उठाकर रिम्स के पेइंग वार्ड के कक्ष संख्या ए-11 में स्थानांतरित कराया गया।
क्या कहते हैं जेल महानिरीक्षक
झारखंड के जेल महानिरीक्षक वीरेन्द्र भूषण ने इस संबंध में बताया कि उन्होंने स्वयं जेल अधीक्षक को लालू प्रसाद को पेइंग वार्ड में भेजने के निर्देश दिए थे। यह पूछे जाने पर कि यह निर्णय गुरुवार को ही क्यों लिया गया, भूषण ने कहा, 'वास्तव में लालू प्रसाद को वापस पेइंग वार्ड में स्थानांतरित करने का निर्णय रिम्स प्रशासन की सहमति से पहले ही ले लिया गया था और इसकी तैयारी पहले से ही चल रही थी। संयोगवश, आज ही उन्हें स्थानांतरित किया गया।'
उन्होंने कहा कि वैसे भी जब प्रसाद को केली बंगले में स्थानांतरित किया गया था, तब वह बंगला खाली था, लेकिन अब रिम्स में नये निदेशक ने पदभार संभाल लिया है और वह बंगला खाली होने के इंतजार में स्वयं अतिथि गृह में रह रहे हैं। ऐसे में निदेशक के बंगले से लालू प्रसाद को स्थानांतरित किया ही जाना था। हालांकि गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मंगलवार के 'फोन विवाद' के बाद राज्य के गृह सचिव ने स्वयं जेल प्रशासन को लालू के मामले में सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद उन्हें बंगले से स्थानांतरित करने के लिए तेज गति से कार्रवाई हुई।
बीजेपी का लालू प्रसाद पर वार
दूसरी ओर, भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने दावा किया कि भाजपा द्वारा लालू प्रसाद और राजद के 'गैरकानूनी कार्यों' को उजागर किए जाने से दबाव में आई हेमंत सोरेन सरकार ने आनन फानन में लालू को वापस रिम्स के पेइंग वार्ड में स्थानांतरित किया। उन्होंने कहा कि वास्तव में लालू प्रसाद को वापस बिरसा मुंडा जेल में ही भेजना चाहिए। उनके पेइंग वार्ड में रहने का कोई औचित्य नहीं है।
इस बीच जेल महानिरीक्षक भूषण ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'लालू जिला प्रशासन के मातहत रिम्स में इलाजरत हैं, लिहाजा उन्हें जेल अधीक्षक ने जिला प्रशासन की जानकारी में दो सेवादार रखने की छूट दी है, जो जेल नियमावली के तहत मान्य है।' भूषण ने एक बार फिर साफ किया कि रिम्स में भर्ती होने के दौरान लालू की सुरक्षा और जेल नियमावली के अनुपालन कराने की पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और पुलिस की है।
बिहार में विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास के लिए प्रसाद की भाजपा विधायक के साथ फोन पर की गई कथित बातचीत की ऑडियो क्लिप सामने आई है। प्रसाद ने भाजपा विधायक ललन पासवान को मंगलवार को कथित रूप से उस समय फोन किया, जब पासवान भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के साथ बैठक कर रहे थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)