नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने एक बार बिहार विधानसभा नीतीश सरकार को चुनौती दी है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में अबकी बार विपक्ष काफी मजबूत है। हमारे और आपके बीच 12 हजार वोट का अंतर है। आप चोर बाजार से सत्ता में आए हैं। विपक्ष के नेता यादव ने 23 मार्च की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सत्तापक्ष के इशारे पर सदस्यों को पीटा गया। जूता से पीटने और गाली का निर्देश कौन दिया? विधायकों से पहले अधिकारियों को दंडित करें। उन्होंने कहा कि जो पुलिस बिल लाया गया है उससे गुंडागर्दी बढ़ेगी।
इससे पहले बिहार विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने के एक दिन बाद तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि सभी विपक्षी दल राज्य विधानसभा के पूरे सत्र का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि वे तभी जाएंगे जब उन्हें 23 मार्च की घटना पर बहस करने की अनुमति दी जाएगी। उस दिन विधानसभा के अंदर पुलिस और स्थानीय गुंडों द्वारा कई विपक्षी विधायकों के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी। यादव ने कहा, 'सभी विपक्षी दलों ने अध्यक्ष से मुलाकात की और 23 मार्च को काला दिवस पर चर्चा करने का अनुरोध किया। हमें अपना प्रस्ताव रखने की अनुमति नहीं थी।' उन्होंने आरोप लगाया कि स्पीकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पक्ष ले रहे हैं। मुझे संदेह है कि वह नीतीश कुमार की कठपुतली हैं।
राज्य विधानसभा का मानसून सत्र पांच दिनों तक चलने वाला है। यह 26 जुलाई को शुरू हुआ और 30 जुलाई को समाप्त होगा। इससे पहले सोमवार को विपक्षी विधायक हेलमेट और प्राथमिक उपचार किट लेकर बिहार विधानसभा पहुंचे। उन्होंने 23 मार्च की घटना को याद करते हुए सरकार के नेतृत्व वाले नीतीश कुमार की निंदा की। बिहार विधानसभा में विपक्षी विधायक काले मास्क बांटते नजर आए, इसके अलावा वे हेलमेट पहने और प्राथमिक उपचार किट लिए हुए थे।
राजद विधायक सतीश कुमार ने कहा, 'आप 23 मार्च की घटना के गवाह हैं, कैसे सीएम नीतीश कुमार ने हमें विधानसभा पिटवाने के अंदर गुंडों को बुलाया। पुलिसकर्मियों का निलंबन सजा नहीं है।' उस घटना को लेकर दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। तब विपक्षी सदस्यों ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग को लेकर हंगामा किया था।