नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फट गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। हालांकि अच्छी बात ये रही कि किसी प्रकार के जानमाल की नुकसान की खबर नहीं है। एसडीआरएफ की दो टीमें गुफा में मौजूद हैं; एसडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम को भी गांदरबल से बादल फटने वाली जगह पर भेजा गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, 'बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के संबंध में मैंने जम्मू-कश्मीर के LG श्री मनोज सिन्हा जी से बात कर जानकारी ली है। राहत कार्यों व स्थिति के सटीक आकलन के लिए NDRF की टीमें वहां भेजी जा रही हैं।'
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लोगों के लिए एडवायजरी जारी की है कि पवित्र गुफा मंदिर के पास लगातार बारिश और बादल फटने को देखते हुए गुंड और कंगन के क्षेत्रों में आम जनता को सिंध नदी से दूर रहने की सलाह दी गई है क्योंकि पानी के बहाव में अचानक वृद्धि हो सकती है।
ये घटना उस दिन हुई है जब किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना में सात लोगों की जान चली गई और 17 अन्य घायल हो गए। सुदूर गांव में सुबह करीब साढ़े चार बजे बादल फटा। बादल फटने की घटना में कम से कम 19 घर, 21 गौशाला और एक राशन डिपो साथ ही एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। पुलिस, सेना और एसडीआरएफ दच्चन तहसील के गांव होंजार में बादल फटने के बाद लापता हुए 14 से अधिक लोगों का पता लगाने के लिए तलाशी और बचाव अभियान में लगे। लद्दाख में कारगिल के विभिन्न क्षेत्रों में दो बादल फटने से एक लघु पनबिजली परियोजना, लगभग 12 मकान और खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में उदयपुर के तोजिंग नाले में आई बाढ़ में 10 लोगों की मौत हो गई, दो घायल हो गए और तीन अभी भी लापता हैं, जबकि चंबा में दो लोगों की मौत हो गई। हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा, '24 घंटे में भारी बारिश और बाढ़ से 14 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से लाहौल में 10 और कुल्लू में 4 लोगों की मौत हुई है। लाहौल से 3 शव अभी बरामद नहीं हुए हैं। कुल्लू में जल प्रवाह बहुत अधिक है, इसलिए हम कोई शव नहीं निकाल पा रहे हैं। कई सड़कें खोल दी गई हैं। कम बारिश की स्थिति में मेरा मानना है कि कल तक 90% सड़कें फिर से खोली जा सकती हैं। आईएमडी की एडवाइजरी के अनुसार, अगले 48 घंटों तक मौसम खराब रहने की संभावना है। लोग जरूरी होने पर ही यात्रा करें।'