- सीएम नीतीश से मिले उपेंद्र कुशवाहा, RLSP के जेडीयू में विलय की अटकलें
- विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद दोनों नेताओं में थी यह तीसरी मुलाकात
- सूत्रों की मानें तो विधान परिषद के जरिए नीतीश कैबिनेट में मंत्री बन सकते हैं कुशवाहा
पटना: बिहार की राजनीति में इन दिनों कई प्रकार की अटकलें लग रही है और इन सबके बीच राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने रविवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। यह पिछले कुछ महीनों के दौरान हुई तीसरी मुलाकात है और इस अवसर पर जेडीयू के राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह भी मौजूद रहे। करीब एक घंटे तक चली इस मुलाकात के बाद लौटते उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वो कभी नीतीश कुमार से अलग हुए ही नही थे, बस राजनीतिक विचारधारा अलग थी।
तो होगा जेडीयू में विलय
वहीं वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि कुशवाहा के आने से जेडीयू मजबूत होगी। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा हो रही है कि जल्द ही कुशवाहा अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP)का जेडीयू में विलय कर सकते हैं, हालांकि आरएलएसपी नेता ऐसे कयासों को खारिज कर चुके हैं। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के बाद कुशवाहा की पार्टी के विलय की बात आगे बढ़ गई है और जो अड़चनें आ रही हैं उन्हें जल्द दूर करने की बात कही जा रही है।
विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद तीसरी मुलाकात
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद से अभी तक कुशवाहा तीन बार सीएम नीतीश से मुलाकात कर चुके हैं। इस चुनाव में कुशवाहा की पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी जिसके बाद से ही उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी ने ओवैसी की AIMIM तथा मायावती की बसपा तथा अन्य छोटें दलों के साथ मिलकर ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट बनाया था और कुशवाहा को सीएम उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन जो नतीजे आए वो कुशवाहा के लिए बेहद निराशाजनक रहे और कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका।
तो विधान परिषद के जरिए मंत्री बनेंगे कुशवाहा
राज्य में विधान परिषद की राज्यपाल कोटे की खाली 12 सीटें भरी जानी हैं और चर्चा ये भी है कि कुशवाहा को विधान परिषद के जरिए भेजकर नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। दरअसल नीतीश कुमार अपने कुशवाहा वोट बैंक को मजबूत करने में भी जुटे हुए है और इसी के तहत उन्होंने कुछ दिन पहले विधानसभा चुनाव हार चुके उमेश सिंह कुशवाहा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। आपको बता दें कि कुशवाहा की रोलसपा 2014 में एनडीए का हिस्सा थी और 2019 में लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही कुशवाहा ने एनडीए से नाता तोड़ा था। केंद्र की मोदी सरकार में कुशवाहा मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रहे।