- अभी तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे उद्धव ठाकरे
- सदस्य न चुने जाने पर राज्य में आ जाता संवैधानिक संकट
- महाराष्ट्र में शिवेसना, राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार है
मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आठ अन्य निर्विरोध विधान परिषद के लिए चुन लिए गए हैं। कुल 14 नामांकन में से पांच लोगों की ओर से अपना नामांकन या तो वापस ले लिए जाने के बाद या खारिज होने की वजह से उद्धव एवं अन्य सदस्य निर्विरोध चुने गए। समाचार एजेंसी पीटीआई ने गुरुवार को यह जानकारी दी। ठाकरे के अलावा परिषद के डिप्टी चेयरमैन नीलम गोहरे (शिवसेना), भाजपा के चार उम्मीदवार रणजीतसिंह मोहित पाटील, गोपीचंद पडालकर, प्रवीण दातके, रमेश कराड, एनसीपी के शशिकांत शिंदे, अमोल मितकरी और कांग्रेस के राजेश राठौड़ नौ सीटों के लिए रेस में थे। ये सीटें 24 अप्रैल को रिक्त हो गई थीं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक गत मंगलवार को भाजपा के उम्मीदवार संदीप लेले एवं अजीत गोपचदे एवं एनसीपी के किरण पवासकर एवं शिवाजीराव गारजे ने अपना नामांकन वापस ले लिया जबकि निर्दलीय उम्मीदवार शहबाज राठौड़ के दस्तावेज जांच में अवैध पाए गए। बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ने विधान परिषद की इन सीटों पर चुनाव कराए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इसके बाद इस महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग ने नौ सीटों के लिए 27 मई को चुनाव कराने की घोषणा की थी। उद्धव ने अपने पत्र में लिखा था कि अगर ये चुनाव नहीं हुए तो राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो जाएगा।
गत 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले उद्धव ठाकरे किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। उन्हें 27 मई से पहले विधानसभा के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना था। इस निर्वाचन के साथ ही ठाकरे जो कि शिवसेना के अध्यक्ष भी हैं विधायक के रूप में अपनी पारी की शुरुआत कर दी है।