- मामले में राज्य सरकार के मुख्य सचिव को तलब किया गया
- राज्य सरकार को आठ महीने के भीतर निर्णय को लागू करने का निर्देश दिया गया था- बेंच
- 'छठा वेतन आयोग मिलने से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ेगा'
6th Pay Commission: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को त्रिपुरा हाई कोर्ट से कहा कि वह हाई कोर्ट के कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन दिए जाने के मुद्दे पर अवमानना याचिका पर सुनवाई टाल दे। मामले में राज्य सरकार के मुख्य सचिव को तलब किया गया है।
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना की बेंच ने 21 दिसंबर, 2021 को सिंगल जज वाली बेंच के उस फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें राज्य सरकार को छठे केंद्रीय वेतन आयोग का लाभ हाई कोर्ट के कर्मचारियों को देने का निर्देश दिया गया था।
बेंच बोली, ‘‘रंजीत कुमार (राज्य सरकार के लिए पेश) ने बताया कि त्रिपुरा राज्य के मुख्य सचिव को 25 जुलाई, 2022 को हाई कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई अवमानना याचिका के संबंध में पेश होने के लिए कहा गया है...हम हाई कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि अवमानना याचिका की सुनवाई इस न्यायालय के अगले आदेशों तक स्थगित कर दी जाए।’’
टॉप कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई की अगली तारीख 12 अगस्त, 2022 तय की। बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट कर्मचारी संघ और अन्य की ओर से दायर एक अपील त्रिपुरा हाई कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष पेंडिंग है। उसने कहा कि एकल न्यायाधीश ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह त्रिपुरा हाई कोर्ट के कर्मचारियों को छठे केंद्रीय वेतन आयोग का लाभ प्रदान करे, जैसा कि अधीनस्थ न्यायपालिका के कर्मचारियों को 16 दिसंबर, 2017 के एक आदेश के तहत प्रदान किया गया था।
बेंच ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को आठ महीने के भीतर निर्णय को लागू करने का निर्देश दिया गया था।’’ राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय के कर्मचारी भारत के संविधान के अनुच्छेद 229 के तहत बनाए गए नियमों के अधीन होते हैं। कुमार ने यह भी कहा कि छठा वेतन आयोग मिलने से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ेगा।
हाई कोर्ट ने दिसंबर 2021 में राज्य सरकार को जनवरी 2022 से तीन मासिक किस्तों में वेतन बकाया देने का भी निर्देश दिया है। बाद में, निर्देशों को लागू न करने के लिए राज्य सरकार के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई थी।