- 2019 असहिष्णुता का हवाला देते हुए नौकरी से शाह फैसल ने दिया था इस्तीफा
- 2019 में राजनीति में दी दस्तक
- तीन साल बाद नौकरी में वापस आने का किया फैसला
शाह फैसल के नाम से देश और दुनिया अंजान नहीं है। वो जम्मू कश्मीर से पहले ऐसे शख्स थे जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा टॉप की। नौकरशाह के रूप में जम्मू-कश्मीर में सेवा दे रहे थे। लेकिन मन और मिजाज बदला तो सियासत का चोला ओढ़ लिया। हालांकि सियासी अवतार में वो कामयाब नहीं रहे और अब एक बार उन्होंने सिविल सेवा में लौटने का फैसला किया है। एक पोस्ट के जरिए उन्होंने अपनी भावना का इजहार भी किया है।
8 महीने की अवधि दुखदायी रही
शाह फैसल अपने पोस्ट में लिखते हैं उनके जीवन के 8 महीने यानी जनवरी 2019 से अगस्त 2019 की अवधि भारी रही। वो करीब करीब समाप्त हो गए थे। एक ऐसी कल्पवा के पीछे वो दौड़े जिसमें सबकुछ खत्म हो गया। उन्होंने काम, दोस्त, सद्भाव सबकुछ खो दिया। उनके आदर्शवाद ने सबसे अधिक निराश किया। इतनी निराशा के बाद भी उन्हें खुद पर भरोसा था। जो गल्तियां उनसे हुई हैं उन्हें सुधारने की कोशिश करेंगे। निश्चिक तौर पर जिंदगी उन्हें मौका देगी। एक तरफ से उनके जीवन में वो आठ महीने बेहद थकाऊ रहे। जो कुछ विरासत में दुखदायी लम्हे रहे हैं उन्हें मिटाने की कोशिश करेंगे। लेकिन समय अपने आप सबकुछ सही कर देगा।
फिर करेंगे शुरुआत
शाह फैसल लिखते हैं कि अपने अनुभवों को उन्होंने साझा करने का फैसला किया। जिंदगी बेहद खूबसूरत है और खुद को एक मौका देने की जरूरत है। असफलता आपको मजबूत बनाती हैं। अतीत की छाया से परे भी दुनिया है। वो अगले महीने 39 साल के हो जाएंगे और एक बार फिर नई शुरुआत के लिए उत्साहित हैं। बता दें कि उन्होंने 2009 में सिविल सेवा परीक्षा को टॉप किया था और करीब 10 साल की नौकरी के बाद 2019 में इस्तीफा दे दिया था।