- महाराष्ट्र में सरकार का गठन अब तक नहीं पाया है, हालांकि इसकी कवायद जारी है
- सरकार गठन के लिए शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की बातचीत अंतिम दौर में मानी जा रही है
- इस बीच ऐसे सवाल भी उठ रहे हैं कि इन तीनों पार्टियों के गठबंधन से बनी सरकार कितनी मजबूत होगी
नागपुर : महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के साथ आने के बीच ऐसे सवाल भी उठ रहे हैं कि ये सरकार कितनी मजबूत होगी और राज्य को क्या स्थिर सरकार मिल पाएगी, क्योंकि शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस की विचारधार बिल्कुल उलट है। फिर मौजूदा विधानसभा चुनाव में शिवसेना का मुकाबला भी इन्हीं पार्टियों से था, जबकि बीजेपी के साथ गठबंधन कर इसने चुनाव लड़ा था। ऐसे में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन से बनने वाली सरकार की स्थिरता पर स्वाभाविक रूप से सवाल खड़े हो रहे हैं।
अब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने ऐसे सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने आवश्वस्त किया कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस का गठबंधन महाराष्ट्र को स्थिर सरकार देगा। यह सरकार पूरे पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी और राज्य को किसी मध्यावधि चुनाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि तीनों पार्टियां फिलहाल साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) पर काम कर रही है, जिसके आधार पर राज्य में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन सरकार विकानोन्मुखी योजनाओं को लेकर आगे बढ़ेगी।
महाराष्ट्र में पल-पल बदल रहे हालात के बीच बीजेपी ने भी संकेत दिए हैं कि वह अब भी सरकार गठन की रेस से बाहर नहीं हुई है। इस बारे में पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी ने समर्थन के लिए एनसीपी से संपर्क साधा है, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी फिलहाल शिवसेना और कांग्रेस से ही बात चल रही है, किसी अन्य पार्टी से नहीं।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस की इस टिप्पणी पर कि 'शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार 6 महीने से अधिक समय तक नहीं चल पाएगी और मैं फिर आऊंगा' पर चुटकी लेते हुए पवार ने कहा, 'मैं कुछ साल से देवेंद्र जी को जानता हूं, लेकिन यह नहीं जानता था कि वह ज्योतिष के भी छात्र हैं।'