- पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच है तकरार
- कांग्रेस आलाकमान दोनों नेताओं के बीच सुलह कराना चाहता है
- सिद्धू और कैप्टन अपने रुख पर अड़े हैं, कोई भी झुकने को तैयार नहीं
नई दिल्ली : पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी तकरार को पार्टी आलाकमान सुलझाने की कोशिशों में जुटा है। हाई कमान के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे सिद्धू ने बुधवार को पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की। खास बात यह है कि सिद्धू की मुलाकात राहुल गांधी से नहीं हो पाई है। राहुल ने कहा है कि उनकी सिद्धू के साथ मुलाकात का कोई कार्यक्रम तय नहीं है। राहुल की 'ना' को उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।
कैप्टन और सिद्धू के बीच जारी है विवाद
कैप्टन और सिद्धू के बीच तकरार काफी लंबे समय से चल रही है। पंजाब कांग्रेस के अपने दोनों नेताओं के बीच जारी विवाद एवं तकरार को पार्टी आलाकमान ने दूर करने की कोशिश की है। बीते दिनों सिद्धू और कैप्टन दोनों कांग्रेस आलाकमान की ओर से बनाई गई समिति के नेताओं से मिले लेकिन दोनों के अपने रुख पर अड़े रहने के चलते समस्या का हल नहीं निकल सका। कांग्रेस आलकमान सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस में अहम पद देना चाहता है लेकिन कैप्टन इसके लिए तैयार नहीं हैं।
प्रियंका गांधी के साथ दिल्ली में उनके आवास पर मिलने के बाद सिद्धू ने एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में वह प्रियंका के साथ खड़े हैं और मुस्कुराते दिख रहे हैं।
कैप्टन पर हमलावर हैं सिद्धू
पंजाब में मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू कैप्टन अमरिंदर पर लगातार हमलावर रहे हैं। उन्होंने कैप्टन को घेरने और उनकी नीतियों पर सवाल उठाने का कोई भी मौका अपने हाथ से जाने नहीं दिया है। कुछ दिनों पहले सिद्धू ने पार्टी नेताओं के बेटों को सरकारी नौकरी दिए जाने पर कैप्टन पर हमला बोला। पंजाब में कांग्रेस के भीतर की कलह दूर करने के प्रयास के तहत राहुल गांधी ने हाल के दिनों में पार्टी के कई नेताओं के साथ मंथन किया। पार्टी की तीन सदस्यीय समिति ने भी 100 से अधिक नेताओं और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ मंत्रणा की।
पंजाब में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव
गत 22 जून को दिल्ली पहुंचे कैप्टन अमरिंदर ने समिति के अध्यक्ष एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। लेकिन वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बिना मिले वापस चंडीगढ़ चले गए। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, इसे देखते हुए पार्टी आलकमान प्रदेश के सभी नेताओं को एकजुट करना चाहता है लेकिन राज्य के दो बड़ने नेताओं के बीच तकरार खत्म नहीं हो पाई है। कांग्रेस आलाकमान को लगता है कि सिद्धू और कैप्टन का आपसी विवाद अगर नहीं सुलझा तो उसे विस चुनाव में नुकसान हो सकता है।