नई दिल्ली: भारत के 71वें गणतंत्र दिवस के उत्सव से पहले सेना और सुरक्षाबलों के जवानों को वीरता के लिए सम्मानित किया गया है। 108 पदकों के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस को सबसे अधिक वीरता पदक मिले हैं और इसके बाद सीआरपीएफ को 76 पदक दिए गए हैं। यह जानकारी शनिवार को गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश में दी गई। इन पदकों की घोषणा साल में दो बार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि केंद्रशासित पुलिस ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद रोधी अभियानों में निरंतर हिस्सा लिया है, जिसे तीन शीर्ष राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी) भी मिले हैं, जबकि सीआरपीएफ को एक राष्ट्रपति पुलिस पदक (मरणोपरांत) मिला है। केंद्रशासित क्षेत्र में आतंकवाद रोधी ड्यूटी में सीआरपीएफ भी तैनात है। इसके अलावा सेना के जवानों और अधिकारियों को भी उनकी वीरता और साहस के लिए अलग अलग मेडल से सम्मानित किया गया है।
सेना के वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अरविंद दत्ता का नाम उन 19 अधिकारियों में शुमार है जिन्हें विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
जाट रेजिमेंट के नायब सूबेदार सोमबीर को जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन में विदेशी आतंकवादी को मारने के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया। लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा, मेजर केबी सिंह, नायब सूबेदार एन सिंह, नाइक एस कुमार और सिपाही के ओरांव सहित 5 सैन्यकर्मियों को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
सिपाही करमदेव ओरायन को नियंत्रण रेखा पर एक ऑपरेशन के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया जहां उन्हें अपनी बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लगी थी। जिसके बाद उन्होंने चार आतंकवादियों के हमले को नाकाम करते हुए नौ ग्रेनेड से एक के बाद एक हमला किया और दो आतंकवादियों को मार गिराया।
लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा को पिछले साल जुलाई में मणिपुर में एक ऑपरेशन में दो आतंकवादियों को मारने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें अपने ऑपरेशन के क्षेत्र में 14 कट्टर आतंकवादियों को पकड़ने का श्रेय भी दिया जाता है।
पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के नायब सूबेदार नरेंद्र सिंह को नियंत्रण रेखा पर एक ऑपरेशन के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है जहां उन्होंने दो आतंकवादियों को मार गिराया था और एक को घायल कर दिया था। यह आतंकवादी भारतीय सेना के ठिकानों पर हमला करने की फिराक में थे।
कारगिल युद्ध के नायक लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, 15 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजे ढिल्लों, 3 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव सिरोही और पूर्व 16 कोर चीफ लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह को उत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया।