- दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई थी हिंसा
- भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत के बयानों को लेकर भी उठ रहे हैं सवाल
- राकेश टिकैत के भड़काऊ भाषणों के कई वीडियो हुए वायरल
नई दिल्ली: दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह से हिंसा और लालकिले में तोड़फोड़ हुई उसे पूरी दुनिया ने देखा। दिल्ली पुलिस के कर्मियों पर उपद्रवियों ने जिस तरह से हमला किया उसके कई वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं। इस हिंसा को लेकर सरकार से लेकर किसान आंदोलन तक, सभी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने शांतिपूर्ण मार्च के कई दावे किए थे लेकिन सारे के सारे धराशायी हो गई। दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों के ‘तांडव’ टिकैत के कई बयान उन्हें अब सवालों के कठघरे में खड़े कर रहे हैं जिनसे वो बच नहीं सकते हैं।
वायरल हुआ था वीडियो
राकेश टिकैत भले ही अब अपने बयानों पर सफाई दे रहे हों लेकिन उन्होंने ट्रैक्टर रैली से पहले एक बयान दिया था जिसमें वो साफ-साफ धमकी भरे अंदाज में कहते हैं, ' किसी के बाप का जागीर है गणतंत्र दिवस.. दुनिया की सबसे बड़ी परेड़ मनेगी। दिल्ली खबरदार जो ट्रैक्टर मार्च रोका, उसका इलाज भर देंगे जो ट्रैक्टर को रोकेगा, बक्कल उतार दिए जाएंगे जो ट्रैक्टर को रोका किसी ने। कौन रोकेगा ट्रैक्टर को..' टिकैत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग लगातार उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
दूसरा बयान
टिकैत का दूसरा बयान जो वायरल हो रहा है उसमें वह कहते हैं, , 'सरकार मान नहीं रही. ज्यादा कैड़ी पड़ रही है। सरकार ज्यादा अकड़ रही है। अपना झंडा ले आना, लाठी-डंडे भी साथ रखना। सारी बातें समझ जाना, ठीक है. तिरंगा भी लगाना और अपना झंडा भी लगाना. आ जाओ अब बस बहुत हो लिया। आ जाओ, अब अपनी जमीन बचाने के लिए आ जाओ। अपनी जमीन नहीं बच रही।' यह बयान तो सीधे-सीधे उकसाऊ बयान था जिसमें लाठी डंडे साथ लेने की बात कही जा रही है। हालांकि टिकैत अब सफाई दे रहे हैं कि झंडा लगाने के लिए लाठी डंडे रखने को कहा था।
तीसरा बयान
इसके अलाव भी टिकैत का एक बयान और वायरल हुआ था जिसमें वो कह रहे हैं कि लालकिले पर मिलेगी अपनी परेड। हिसा के बाद भी टिकैत के ऐसे बयान सामने आ रहे हैं जो उनकी मंशा पर सवाल खड़े करते हैं। टिकैत ने कहा, 'कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई। अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन ज़िम्मेदार रहा है। कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले। यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी। किसान आंदोलन जारी रहेगा।' इससे सवाल उठता है कि क्या टिकैत चाह रहे थे कि पुलिस गोली चलाए और कोई मरे? क्योंकि ऐसा होता तो पुलिस की भूमिका के साथ-साथ सरकार पर सवाल उठते और हिंसा उग्र रूप ले सकती थी। जिस तरह पुलिस ने संयम का परिचय दिया उससे लगता है कि टिकैत नाराज हैं।
आज दिया ये बयान
अब टिकैट ने गाजीपुर में धरना दे रहे किसानों की बिजली काटने को लेकर भी कुछ इसी तरह की धमकी भरा बयान देते हुए कहा है कि, 'पुलिस प्रशासन ने जो काम किया है वो दहशत फैलाने का काम है। इस तरह की कोई हरकत पुलिस प्रशासन ना करे अगर इस तरह की हरकत करेगा तो ये सारे बॉर्डर.... किसान जो गांवों में है, फिर कोई दिक्कत होती है तो उन्हें बता देंगे कि वहां के जो लोकल थाने हैं किसान वहां पर जाएं। ये सरकार पूर्ण रूप से सरकार ध्यान रख ले.. अगर कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।'