- पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश को किया था संबोधित
- 20 लाख के आर्थिक पैकेज के ऐलान के साथ ही लोकल वोकल पर दिया जोर
- नए रूप रंग लॉकडाउन 4 के आने के दिए संदेश
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के लिए पुख्ता तौर पर जिम्मेदार कौन है इसके बारे में कुछ कह पाना अभी संभव नहीं है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीधे तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की नाकामी और चीन को जिम्मेदार बताते हैं। इन सबके बीच मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए दो बड़ी बातें कहीं पहली यह थी कि जन से जग तक। यानि भारत सिर्फ अपने बारे में ही नहीं सोचता है बल्कि उसका नजरिया व्यापक है। भारत अगर प्राचीन काल में सोने की चिड़िया कहलाता था तो आज हमारे पास वो अवसर है जिसे जमीन पर उतारने की जरूरत है और वो लोकल है।
लोकल वोकल के जरिए चीन को संदेश
पीएम ने कहा कि दुनिया का हर ब्रांड लोकल ही हुआ करता था। लेकिन एक विजन के साथ जब उनका प्रचार और प्रसार हुआ तो ग्लोबल में लोकल तब्दील हो गया। अब इसका अर्थ क्या है, इसे समझने के लिए पीपीई किट को समझिए। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट से पहले देश में पीपीई किट नहीं बनती थी। लेकिन अब हम पीपीई किट बना रहे हैं। इसके साथ ही कई नई चीजों पर काम कर रहे हैं जिसके बारे में सोचा भी नहीं जाता था। इसलिए जरूरी है कि आत्मनिर्भर बन कर हम न केवल लोकल पर भरोसा करें बल्कि उसके लिए वोकल बनें यानि कि उसका प्रचार प्रसार करें।
पीपीई किट का दिया उदाहरण
सवाल यह है कि पीएम मोदी ने पीपीई किट का उदाहरण क्यों दिया। हम सब जानते हैं कि चीन से ही पीपीई किट आई थी और उसमें खामियां निकली थीं। उसके बाद एंटी बॉडी टेस्ट किट में दिक्कतें आई। इस तरह की दुश्वारियों के बीच भारत ने खुद पीपीई किट बनाने का फैसला किया और डीआरडीओ की अनुमति के बाद बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरु हुआ। आज भारत के सामने पीपीई किट की दिक्कत नहीं। यही तस्वीर टेस्टिंग किट के साथ भी थी। अगर आप चीन को देखें तो उसके ऊपर आरोप लगता रहा है कि वो खराब गुणवत्ता वाली चीजों को भी एक्सपोर्ट से बाज नहीं आता है।
नए सिरे से परिभाषित होगी आर्थिक नीति
यहां यह समझना जरूरी है कि जब पीएम मोदी लोकल वोकल की बात करते हैं को इसके लिए रकम कहां से आएगी। इसका जवाब उन्होंने खुद देते हुए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया जो भारत के जीडीपी का 10 फीसद है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की बुनियाद में पांच पिलर की अहम भूमिका है जिसे उन्होंने इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सस्टेनबिलटी और डेमोग्राफी के तौर पर परिभाषित किया। जानकार कहते हैं कि जैसे विश्वयुद्ध के बाद प्री वर्ल्ड वार और पोस्ट वर्ल्ड वार का कंसेप्ट आया ठीक वैसे प्री और पोस्ट कोरोना होगा। कोरोना की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था तबाह हुई है,लिहाजा नए सिरे से सोचने की जरूरत है। पीएम मोदी के कल के संबोधन से साफ है कि अब देश की नीति अलग सिरे से तय की जाएगी।