- कोरोना वायरस से निपटने के लिए पीएम की जनता कर्फ्यू की अपील का पूरा देश में रहा असर
- लोगों ने रविवार शाम पांच बजे कोरोना के कर्मवीरों का थाली और शंख बजाकर जताया आभार
- बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव भी नहीं रहे पीछे, शंख बजाकर कहा- आज आंखे नम हो गई
पटना: देश इस समय कोरोना संक्रमण के जानलेवा खतरे से जूझ रहा है और बिहार भी इससे अछूता नहींं है। कोरोना से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'जनता कर्फ्यू’ की अपील का पूरे देश में जबर्दस्त असर देखा गया। इस दौरान सड़कों पर एकदम सन्नाटा पसरा रहा और शाम पांच बजे लोगों ने अपने घरों की बालकनी और छत और दहलीज पर थाली, शंख, ढोलक और ताली बजाकर संकट की इस घड़ी में राष्ट्रसेवा कर रहे लोगों के प्रति सम्मान जाहिर किया। ऐसा करने में बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी पीछे नहीं रहे।
तेज प्रताप ने साझा किया वीडियो
तेज प्रताप ने इसका एक वीडियो अपने ट्विटर पेज पर साझा करते हुए पीएम मोदी की इस अपील की तारीफ की है। तेज प्रताप ने लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर देश के तमाम डाॅक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी, डिलीवरी ब्वॉय, इत्यादि जो अपने जान की परवाह किये बगैर हमारी सेवा कर रहे हैं उन सभी का शंख, थाली, ताली और घंटी बजाकर आभार प्रकट किया। आज देश की ऐकता देख कर आँखे नम हो गई !!' वीडियो में तेज प्रताप को साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वो पांच बजे बाद शंख बजाते हुए नजर आ रहे हैं।
आरजेडी विधायक ने किया विरोध का ऐलान
देश प्रताप ने ऐसे समय में पीएम मोदी की अपील का समर्थन किया जब उन्हीं की पार्टी के विधायक भोला यादव ने कुछ दिन पहले पीएम मोदी की इस अपील का विरोध किया था। भोला यादव ने कहा था कि देश में अघोषित आपातकाल जैसे हालात है औऱ प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की बजाए इस तरह की अपील कर हैं। भोला यादव ने तब कहा था कि आरजेडी पीएम मोदी की इस अपील का विरोध करेगी।
बिहार में लॉकडाउन
आपको बता दें कि बिहार में कोरोना संक्रमण के दो मरीज पाए गए हैं जिनमें से एक की मौत हो गई है। कोरोना के खतरे को रोकने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से 31 मार्च तक के लिये पूरे राज्य में लॉकडाउन करने का निर्णय किया है। इस बंदी के दायरे से आवश्यक एवं अनिवार्य सेवाओं को बाहर रखा गया है।
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