- BRICS सम्मेलन में पीएम मोदी ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा
- पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वालों को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत है
- प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स को अर्थव्यवस्था का वैश्विक इंजन करार देते हुए कहा कि इसकी भूमिका बेहद अहम है
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (मंगलवार, 17 नंवबर) वर्चुअल माध्यम से ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में शामिल हुए, जहां उन्होंने आतंकवाद का नाम लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो आतंकवाद का समर्थन करत हैं और उसे बढ़ावा देते हैं। पीएम मोदी ने ब्रिक्स को अर्थव्यवस्था का वैश्विक इंजन बताया तो आत्मनिर्भर भारत अभियान का भी जिक्र किया।
ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद का मसला उठाया और पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, 'आतंकवाद आज हमारे समक्ष सबसे बड़ा खतरा है। आतंकवाद का समर्थन कर रहे देशों को जवाबदेह ठहराए जाने की आवश्यकता है। आतंकवाद से निपटने के लिए हमें समन्वित रुख अपनाने की आवश्यकता है।'
'सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता'
पीएम मोदी ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व व्यापार संगठन ( WTO) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में सुधार की आवश्यकता भी जताई और कहा कि भारत बहुपक्षीय व्यवस्था का समर्थक रहा है।
उन्होंने कहा, 'हम संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। हम दुनियाभर में शांति स्थापित करने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका में योगदान दे रहे हैं। लेकिन अब यह संकट से गुजर रहा है, क्योंकि समय के साथ इसमें बदलाव नहीं हुआ। संयुक्त राष्ट्र में समय-समय पर बदलाव की आवश्यकता है, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव जरूरी है और हमें इसमें ब्रिक्स से सहयोग की उम्मीद है।'
पीएम मोदी ने इस दौरान द्वितीय विश्वयुद्ध के जांबाज सिपाहियों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि ब्रिटिश उपनिवेशवाद के तहत इसमें भारतीय सैनिकों की भूमिका अग्रणी थी।
'वैश्विक विकास में ब्रिक्स की भूमिका अहम'
ब्रिक्स को अर्थव्यवस्था का वैश्विक इंजन करार देते हुए पीएम मेादी ने कहा कि वैश्विक विकास में ब्रिक्स की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 बाद आत्मनिर्भर भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक संबल बन सकता है।
ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के बीच यह दूसरी बार है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग का इस तरह आमना-सामना हुआ है। इससे पहले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान भी दोनों नेता डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक-दूसरे के आमने सामने थे।
BRICS देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) का यह शिखर सम्मेलन आतंकवाद, व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा के साथ ही कोरोना महामारी के चलते हुए नुकसान की भरपाई के उपायों जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित की गई। ब्रिक्स को एक प्रभावी संगठन माना जाता है, जो विश्व की कुल आबादी के करीब आधे हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। ब्रिक्स देशों का संयुक्त रूप से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 16.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। 2021 में होने वाले अगले व 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत को करनी है। इससे पहले भारत 2012 और 2016 में ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर चुका है।