नई दिल्ली: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने हैरान कर देने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वो लोगों से पूछेंगे कि उन्हें सीएम रहना चाहिए या नही? दरअसल, 2 दिन पहले रविवार को भाजपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय सचिव और त्रिपुरा के केंद्रीय पर्यवेक्षक विनोद कुमार सोनकर की यात्रा के दौरान लोगों ने नारे लगाए कि 'बिप्लब हटाओ, बीजेपी बचाओ'। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए बिप्लब ने ये बात कही।
उन्होंने कहा, 'मैं 13 दिसंबर को विवेकानंद मैदान जाऊंगा और त्रिपुरा के लोगों को वहां ने को कहूंगा और पूछंगा कि क्या मुझे सीएम के रूप में रहना चाहिए। अगर लोग मेरा समर्थन नहीं करते हैं, तो मैं पार्टी हाईकमान को सूचित करूंगा।'
सब ठीक नहींपर्यवेक्षक ने बाद में दावा किया कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी में सब ठीक है और उसका समर्थन मजबूत हुआ है। सोनकर जब पार्टी के नेताओं और विधायकों के साथ बातचीत कर रहे थे, तभी जहां राज्य के गेस्ट हाउस के आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई और उन्होंने बिप्लब देब के खिलाफ नारेबाजी की। इससे समझ आता है कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है। जब सोनकर बैठकों को पूरा करने के बाद बाहर आए, तो भीड़ ने उन्हें बाधित किया और प्रदर्शन किया। पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्हें बाहर निकला गया।
सोनकर अगरतला से दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले कहा, 'कैबिनेट विस्तार और संगठनात्मक सुधार जैसे मुद्दे हैं। मैंने मंत्रियों, विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों के साथ हर मामले पर चर्चा की है। भविष्य में भी त्रिपुरा में पार्टी को मजबूत बनाने और पार्टी और सरकार के बीच बेहतर समन्वय पर चर्चा जारी रहेगी।'
दिल्ली आए थे बागी नेता
इससे पहले अक्टूबर के महीने में भाजपा का एक धड़ा उन्हें हटाने की मांग को लेकर दिल्ली में डेरा डाले हुए था। नाराज विधायकों के गुट का कहना था कि उनके बयानों से पार्टी राज्य में कमजोर हो रही है और ऐसा ही चलता रहा तो अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। बागी नेताओं का आरोप था कि बिप्लब त्रिपुरा की भाजपा इकाई में एक तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं और भाजपा सरकार उन वादों को पूरा नहीं कर पा रही है जिनका वादा उसने 2018 के विधानसभा चुनावों में किया था। देब की कार्यशैली की वजह से जनता में पार्टी के प्रति नाराजगी बढ़ रही है और आगे ऐसा ही चलता रहा तो जनता का यह आक्रोश राज्य की सत्ता में कांग्रेस-वाम दलों की सरकार के लौटने का मार्ग प्रशस्त करेगा।