प्रधानमंत्री की सुरक्षा की चूक के मामले में सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई जांच कमेटी को लेकर विस्तृत आदेश सामने आ गया है। टाइम्स नाउ नवभारत के पास सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की कॉपी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई कमियों के कारणों और उसके लिए जिम्मेदार लोगों के बारे में पता करके अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपेगी।
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई एक जनहित याचिका दायर होने के बाद कर रही है।
कौन होगा सुप्रीम कोर्ट गठित जांच समिति में-
1. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज इंदु मल्होत्रा इस जांच समिति की अध्यक्ष होंगी.
2. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार इस समिति के सदस्य होने के साथ ही साथ सभी सदस्यों से कॉर्डिनेशन भी करेंगे.
3. चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के डीजीपी
4. पंजाब के अपर महानिदेशक (सुरक्षा)
5. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के महानिदेशक भी इसके सदस्य होंगे, डायरेक्टर के शामिल न होने की स्थिति में उनके द्वारा आईजी रैंक के किसी अधिकारी को नामित किया जाएगा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक यह जांच समिति इन बिंदुओं पर अपनी जांच को आगे बढ़ाएगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी:-
1. 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई गलतियों की वजह क्या है?
2. सुरक्षा में चूक के लिए कौन जिम्मेदार हैं और किस हद तक उनकी जिम्मेदारी बनती है?
3. प्रधानमंत्री और साथ ही साथ अन्य सुरक्षा प्राप्त लोगों के लिए आगे से किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं?
4. संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समिति अपनी सिफारिशें दे सकती है।
5. इसके अलावा और भी कोई जरूरी मुद्दा जिसे यह जांच समिति ये मानती है कि उसकी भी पड़ताल करनी चाहिए उसके बारे में भी अपनी रिपोर्ट पेश करें।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने लिखित आदेश में कहा है कि यह कमेटी अपनी जांच को जल्द से जल्द पूरा करके रिपोर्ट पेश करे, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है केंद्र सरकार और पंजाब की राज्य सरकार दोनों ही इस समिति को जांच में सहयोग करें। 3 दिन के अंदर इस मामले से जुड़े हुए सभी दस्तावेज जांच समिति की अध्यक्ष जस्टिस इंदु मल्होत्रा को सौंपने का आदेश दिया गया है, जब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच समिति अपनी जांच पूरी नहीं कर लेती है केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई कमेटियां काम नहीं करेंगी।