दिल्ली में बीजेपी के तरफ से दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर घेरना शुरू की है तब से दिल्ली सरकार अपने शिक्षा मॉडल का हवाला देकर काउंटर करती थी।।जब उसी क्रम में आज एक बार फिर अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की पीएम श्री योजना को लेकर पीएम को लिखी गई चिट्ठी का हवाला दिया तो सरकार के तरफ से मोर्चा संभाला केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने।
धर्मेन्द्र प्रधान, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने केजरीवाल का बिना नाम लिए कहाँ की बयानवीरों का देश के स्कूलों को कबाड़खाना कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। और रही बात जहां तक दिल्ली के एजुकेशन मॉडल की तो दिल्ली के एजुकेशन का स्तर देश के औसत से भी नीचे है। जहाँ सरकार ने 500 मॉडल स्कूल बनाने की बात कही थी वही उसके तुलना में मात्र 63 नए स्कूल बने है। जहाँ तक शिक्षकों की बहाली के सवाल है बीते एक साल में एक भी प्रिंसिपल या टीचर की नियुक्ति नहीं हुई है। एजुकेशन आउटकम के लिहाज से भी दिल्ली का औसत नेशनल के औसत से कम है।
ऐसे तो मॉडर्न स्कूल बनाने में लग जाएंगे 70-80 साल, केजरीवाल बोले-सभी राज्य सरकारें मिलकर करें ये काम
धर्मेन्द्र प्रधान यही नहीं रुके प्रधान के बतौर राज्य दिल्ली को केंद्र सरकार के द्वारा बहुत सारे मद में सीधी मदद मिलती हैं जो कि बाकी राज्यों के पास ऐसे हालात नहीं है। अगर इसके बावजूद भी दिल्ली के स्कूलोंं में टीचर से लेकर स्टॉफ की कमी ये बताने के लिए काफी हैं की राज्य सरकार जिस बात की ढिढोंरा पिटती है उसमें सच्चाई नहीं है।
गौरतलब है कि पीएम श्री योजना को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हिसार में एक कार्यक्रम के दौरान बोला कि केंद्र देश भर के मात्र साढ़े 14 हज़ार स्कूलो को बेहतर बनाने की बात कर रही है जबकि दिल्ली में हमने सभी स्कूलों को वर्ल्ड क्लास स्तर के बना चुके है और आगे जरूरत पड़ी तो केंद्र को मदद करने के लिए तैयार है।