देश के सबसे अहम सूबे उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता की चीनी वायरस कोरोना से सुरक्षा के बीच 20 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों की सकुशल घर वापसी कराना और उन मजदूरों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के लाखों अवसर तैयार करना उनके क्रियान्वन में तेजी लाना, अमेरिका, जर्मनी सहित कई विदेशी कंपनियों को उत्तर प्रदेश आकर कार्य शुरू करने का न्योता देना, जैसे फैसलों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी एक अलग छवि गढ़ दी है। यह ऐसी छवि है जिसका अंदाजा उस वक्त नहीं लगाया जा सकता था जब तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक गोरखनाथ मंदिर के महंत को लाखों लोगों की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश के मुखिया की शपथ दिला रहे थे।
महंत आदित्यनाथ हिंदुत्व वादी छवि के प्रचारक माने जाते हैं और अपने धर्म के प्रति कट्टरवाद की उनकी छवि सभी के मस्तिष्क में बनी हुई थी लेकिन कोरोना संकट काल में जिस प्रकार से उन्हें अपने राजनैतिक और सामाजिक अनुभव, नेतृत्व कौशल और फैसले लेने के प्रति दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया, वह काबिले गौर और काबिले तारीफ है। कोरोना संक्रमण से ग्रसित के इलाज में तत्परता से लेकर चिकित्सा क्षेत्र में संसाधनों की व्यवस्था करने तक, प्रदेश में इस दौरान कई व्यापक परिवर्तन देखने को मिले। कोरोना से निपटने की दिशा में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने शून्य से उठकर कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश में 20 लाख से अधिक लोगों की वापसी हुई। बावजूद उसके प्रदेश में कोरोना की स्थिति देश के कई राज्यों से बेहतर है। इसके पीछे वजह है सुनियोजित तरीके से घर वापसी का अभियान। प्रदेश के बाहर से आए श्रमिकों का पूरा रिकॉर्ड तैयार कर उन्हें वापस लाना और 14 दिन तक क्वारंटीन में रखने के बाद घर भेजा गया। शहरों से लेकर ग्रामों तक श्रमिकों को क्वारंटीन करने की समुचित व्यवस्था योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में की गई। अभी तक 46 हजार 103 ग्राम पंचायतों में 16 लाख 8 हजार 184 व्यक्ति राजस्व विभाग के क्वारंटीन सेंटरों में जांच के बाद ग्रामीण क्षेत्र में गए हैं, जबकि शहरी क्षेत्र के 6 हजार 202 मोहल्ला वार्ड में 2 लाख 24 हजार 639 लोग गए हैं। इस तरह 18 लाख से अधिक लोग क्वारंटीन सेंटरों में जांच के बाद अपने अपने घरों को भेजे गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के लिए लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। अब तक गुजरात से 355, महाराष्ट्र से 181, पंजाब से 144, राजस्थान से 28, दिल्ली से 36, कर्नाटक से 33 ट्रेन सहित कुल 1154 ट्रेनों की व्यवस्था की गई। इनमें से 841 ट्रेन आ गई हैं जबकि 313 आ रही हैं या फिर एक दो दिनों में पहुंचेंगी। इन ट्रेनों के माध्यम से अब तक उत्तर प्रदेश में 15 लाख 27 हजार लोगों ने वापसी की है। अब दूसरे चरण में हरियाणा से 3982 बसों से 1 लाख 35 हजार, राजस्थान से 355 बसों से 13224 और मध्यप्रदेश से 1350 बसों से 49 हजार लोगों को लाया गया है। 1 मार्च से अब तक 20 लाख लोग यूपी में आये हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे राज्यों से आने वाले सभी लोगों और इन लोगों के परिजनों से अपील की कि ये लोग खुद आगे आकर अपने स्वास्थ्य के विषय में जानकारी दें, जिससे उनका इलाज सही समय पर शुरू किया जा सके। सीएम योगी ने इसके लिए ग्राम प्रधानों को भी विशेष रूप से जागरूक रहने का आह्वाहन किया है। भारी संख्या में प्रवासियों के आने के कारण ही सीएम योगी ने स्वास्थ्य विभाग की टेस्टिंग क्षमता को और बढ़ाने का निर्देश देते हुए इसे प्रतिदिन 10 हजार सैंपल टेस्ट करने को कहा है।
हर व्यक्ति को जनपद स्तर पर ही उसके इलाज के अनुसार एल—1, एल—2 और एल—3 अस्पतालों की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में काम हुआ। स्वास्थ्य विभाग ने एल—1, एल—2 और एल—3 अस्पतालों में बेड्स की संख्या में बड़ा इजाफा किया। अब इन अस्पतालों को 78 हजार से अधिक बेड्स से लैस कर दिया गया है, वहीं आने वाले दिनों में इसे एक लाख तक करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रवासियों के रूप में प्रदेश की संपदा आई वापस
अन्य राज्यों से यूपी आए लोग इस राज्य की संपदा हैं और इनके बल पर अब प्रदेश का विकास और तेज होगा। जब ये लोग आर्थिक रूप से मजबूत होंगे तब प्रदेश अपने आप विकसित होने लगा। इसके लिए यूपी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। श्रमिकों को उनकी योग्यता के हिसाब से उन्हीं के जिलों में कार्य उपलब्ध कराने की दिशा में काम हो रहा है। उत्तर प्रदेश के माथे पर पलायन को जो कलंक है उसे सदा के लिए मिटाने के लिए योगी आदित्यनाथ रोजगार के मौके बना रहे हैं। दूसरे प्रदेश से आने वाले श्रमिकों का प्रदेश के नवनिर्माण में उपयोग हो इसके लिए हर श्रमिक की दक्षता का रिकार्ड भी तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में भारी तादाद में लौट रहे प्रवासी मजदूरों की संख्या को देखते हुए योगी सरकार करीब 20 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की रूपरेखा तैयार कर चुकी है।
एमएसएमई से होगा रोजगार का सृजन
उ.प्र. का एमएसएमई सेक्टर भारत में सबसे बड़ा है। इस सेक्टर में कई ऐसी इकाईयां हैं जिनके उत्पाद की पूरे देश और दुनिया में धूम है। जरूरत इनको अवसर मिलने की है। यह इकाइयां उत्तर प्रदेश में नए रोजगार सृजित करने में सहायक होंगी। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्य के लिए रोजगार संगम ऑनलाइन मेले का शुभारंभ किया था। इस दौरान सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम श्रेणी के 56,754 उद्यमियों को सिंगल विंडों के माध्यम से ₹2002 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि हमारे कामगार और श्रमिक हमारी ताकत और पूंजी हैं। हम इनके श्रम और हुनर का हरसंभव उपयोग कर उत्तर प्रदेश को देश और दुनिया का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाएंगे। केंद्र से आर्थिक पैकेज एलान के तत्काल बाद लॉकडाउन अवधि में भी इतनी बड़ी धनराशि का लोन देने वाला यूपी पहला राज्य बना। सीएम योगी ने कहा कि कामगारों व श्रमिकों को यूपी की ताकत बनाएंगे। ये हमारे लिए पलायन का कलंक हटाने का भी बड़ा अवसर, इसीलिए कामगारों व श्रमिकों की स्किलिंग की स्केलिंग कर रहे हैं।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैंकिंग कॉरसपोंडेंट सखी योजना के तहत 58000 ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने की घोषणा की। यह ग्रामीण महिलाएं बैंकों से जुड़कर पैसे के लेनदेन को घर घर जाकर करवाएंगी। जिससे ग्रामीणों का सारा लेनदेन डिजिटल होगा और उन्हें बैंक जाने की आवश्यकता ही नहीं होगी। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा तो कम होगा ही, साथ में गांव की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 58 हजार बैंकिंग कॉरसपोंडेंट सखी को तत्काल तैनात करने की व्यवस्था करें। इसमें जो योग्य हों, जिनको जानकारी हो, उन लोगों का चयन ईमानदारी के साथ आवश्यक है। यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम कदम है।
स्टार्टअप से बूस्टअप की तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक तरफ रोजगार सृजन का नया मॉडल तैयार किया तो दूसरी तरफ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को स्टार्टअप से बूस्टअप देने की तैयारी कर डाली। उन्होंने उत्तर प्रदेश स्टार्टअप फंड का शुभारंभ किया और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) को 15 करोड़ रुपए की प्रथम किश्त सौंपी। इसी के साथ अब कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए एक नई स्टार्टअप नीति प्रदेश में बनेगी जिससे प्रदेश का युवा अपने विचारों को आकारा दे सकेगा। प्रदेश सरकार और सिडबी के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ, जिससे जॉब की संभावनाओं को बल मिलेगा।
विदेशी कंपनियां को लुभा रहा यूपी
कोरोना काल में उत्तर प्रदेश विदेशी कंपनियों को लुभा रहा है। महामारी के बाद अब वैश्विक कंपनियां धीरे-धीरे चीन से अपना कारोबार समेट रही हैं। इन कंपनियों की पंसदीदा जगह उत्तर प्रदेश बन रहा है। जर्मनी की प्रसिद्ध फुटवियर कंपनी ब्रैंड वॉन वेल्स ने चीन से अपना कारोबार समेटने का निर्णय़ लेकर आगरा में प्रोडक्शन यूनिट लगाने का फैसला किया है। इस करार से 10,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चीन से आने वाली कंपनियों को यूपी लाने की पूरी कवायद कर रहे हैं। उनकी यह मुहिम रंग भी ला रही है। अमेरिकी कंपनी मास्टर कार्ड ने उत्तर प्रदेश सरकार से संपर्क किया है। कंपनी ने राज्य के एमएसएमई सेक्टर में सहयोग करने की इच्छा प्रकट की है। यूनाइटेड स्टेट इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनशिप के फोरम पर यूपी सरकार ने वेबनियर के जरिए दो दर्जन अमेरिकन कंपनियों से बात कर यूपी में बेहतरीन माहौल के बारे में बताया था।
कोरोना काल में जननेता, विकास पुरुष, असली नायक, संवेदन शील मुख्यमंत्री, कुशल नेतृत्व के धनी जैसी छवि योगी आदित्यनाथ की बन चुकी है। साथ ही उनके सभी फैसलों से उत्तर प्रदेश को नई पहचान देने की कोशिश की है। उत्तर प्रदेश अब हर परिस्थिति का सामना करने में सक्षम बन रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश में रोजगार के पर्याप्त अवसर होंगे। हर व्यक्ति को उसकी क्षमता और योग्यता के आधार पर काम मिलेगा और पलायन रुकेगा। आंकलन करने पर पता चलता है कि जिस प्रकार योगी आदित्यनाथ चुनौतियों को अवसर में बदलने का काम कर रहे हैं, उससे उनकी लोकप्रियता में भी कई गुना इजाफा हुआ है। इस लोकप्रियता ने उन्हें ग्लोबल पहचान दी है और यही लोकप्रियता आने वाले चुनाव में भी बेहतर परिणाम देगी, इसमें फिलहाल कोई संदेह नहीं है।