- सुभासपा और सपा ने साथ मिलकर लड़ा था 2022 का विधानसभा चुनाव
- 2017 के चुनाव में SBSP थी BJP के साथ, सरकार में भी हुई थी शामिल
- हालांकि, बाद में ओपी राजभर का दल सरकार से हो गया था अलग-थलग
समाजवादी पार्टी की नसीहत पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने पलटवार किया है। कहा है कि उन्हें सपा की ओर से दिया गया तलाक कुबूल है। उन्होंने इसके साथ ही सवाल उठाया कि यूपी के मुख्यमंत्री से अगर हम मुलाकात करें तो यह बुरी बात है, पर खुद सपा के अखिलेश यादव मिले तो यह अच्छा है।
शनिवार (23 जुलाई, 2022) को पत्रकारों से बातचीत के दौरान वह बोले- आज उन्होंने (सपा) हमें तलाक दे दिया। हम इसे स्वीकार करते हैं। हमारा अगला कदम बीएसपी होगा। मैं जब सीएम योगी से मिलता हूं तो यह बुरी बात है, पर जब अखिलेश मिलते हैं तो यह अच्छी बात है। 2024 तक सब कुछ साफ हो जाएगा। हम दलितों और पिछड़ों के लिए लड़ना जारी रखेंगे।
राजभर की यह टिप्पणी सपा की ओर से उस खत के कुछ ही देर बाद आई, जिसमें सपा ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख शिवपाल सिंह यादव और सुभासपा प्रमुख को नसीहत दी थी, "...अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप आजाद हैं।"
राजभर ने आठ जुलाई 2022 को सपा से बढ़ती तल्खी की खबरों के बीच कहा था कि उन्हें अखिलेश की तरफ से ‘तलाक’ का इंतजार है, लेकिन वह खुद सपा से गठबंधन तोड़ने की पहल नहीं करेंगे। यूपी के मऊ जिले में पार्टी की मीटिंग में शामिल होने जा रहे राजभर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को साफ किया था कि वह सपा से गठबंधन तोड़ने को लेकर अपने स्तर से पहल नहीं करेंगे।
राजभर बोले थे, ‘‘वह अब भी सपा के साथ हैं। अखिलेश यादव यदि उन्हें अपने साथ नहीं रखना चाहेंगे, तो वह सपा के साथ जबरदस्ती नहीं रहेंगे।’’ उन्होंने सपा अध्यक्ष की ओर से विपक्षी दलों के संयुक्त राष्ट्रपति पद उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में आयोजित बैठक में सम्मिलित नहीं होने को लेकर पूछे जाने पर कहा कि ‘‘अखिलेश भूल गए होंगे, इसलिए उन्हें बैठक में नहीं बुलाया।’’